कार्यकर्ता व सहायिकाओं का वेतन रोका, एक मुख्य सेविका को डीपीओ ने दंडात्मक कार्रवाई के लिए जारी किया नोटिस
देवरिया निरीक्षण बृहस्पतिवार को कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लटक रहा था, तो कई पर कागजों में बच्चों की संख्या पूरी थी। इतना नहीं, कुछ जगहों पर बच्चों को पढ़ाने की जगह कार्यकर्ता आपस में बात करते दिखे। निरीक्षण के दौरान दस टीमों का पंद्रह आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिले।
कागजों में चलने वाले केंद्रों पर तैनात कार्यकर्ता, सहायिकाओं का वेतन रोकने और सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया है। मुख्य सेविका के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया गया है।
डीपीओ केके राय ने सीडीपीओ को मुख्य सेविकाओं व लिपिक को तीन सदस्यीय 10 टीमें बनाकर जांच कराई विभागीय वाट्सएप ग्रुप पर केंद्र के निरीक्षण के समय मिली खामियों के बारे में जानकारी मांगी। 85 केंद्रों के निरीक्षण में 15 बंद पाए गए। डीपीओ ने अनुपस्थित शीला तिवारी शामपुर, राजकुमारी देवरिया उर्फ शामपुर, मुन्नी देवी सिसवा पांडेय शोभा पांडेय, बरेठा, गायत्री देवी (सहायिका) बनकटा दीक्षित, प्रीति मिश्रा प्यासी तृतीय, सुनीता देवी-प्यासी खटिक टोला, लक्ष्मी मिश्रा भरीली, किरन आर्या-मड़ही, कलावती देवी-ग्राम तलडीहा, निर्मला मिश्रा बहोरवा, सीमा देवी पदमापार, सरिता देवी- गोपलापुर, आरती देवी-डेहरी, शैल कुमारी ग्राम बड़हरा की कार्यकर्ता / सहायिकाओं का जिला कार्यक्रम अधिकारी ने मानदेय रोकते हुए इनको सेवा समाप्त करने का नोटिस जारी कर दिया।
जबकि अपर संख्याधिकारी अवधेश कुमार सिंह ने पड़री का निरीक्षण किया तो एक भी बच्चा नहीं था इस गांव में तीन केन्द्र संचालित होता है। कार्यकर्ता एक ही कक्ष में बैठकर आपस में बातचीत कर रही थीं। प्राथमिक विद्यालय परिसर के पास ही विभागीय आंगनबाड़ी का संचालन होना नहीं पाया गया। क्षेत्रीय मुख्य सेविका जगदंबा त्रिपाठी को -नॉटिस जारी किया गया है। इस केंद्र की सुशीला देवी, उषा देवी, लक्ष्मीना, अमृता देवी तथा मालती देवी का मानदेय रोकते हुए इनकी भी सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया है। बाल विकास परियोजना सलेमपुर की समस्त मुख्य सेविकाओं को भी नोटिस जारी कर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं।