अप्रशिक्षित शिक्षकों के हवाले है बच्चों का भविष्यक्षेत्र के अधिकांश विद्यालयों में नौनिहालों का भविष्य अप्रशिक्षित शिक्षकों के हवाले है। हाई स्कूल, इंटर, स्नातक युवा ही शिक्षण कार्य में लगे हुए हैं। कम पैसे में अधिक काम करने वाले बेरोजगार युवकों को अध्यापक का काम सौंपा गया है।
मान्यता के समय प्रशिक्षण एवं योग्य शिक्षकों की डिग्री लगा दी जाती है। शिक्षा विभाग की टीम मान्यता के समय भवन, प्रापर्टी आदि की शर्तों को तो परखती है किंतु शिक्षकों का स्थलीय निरीक्षण नहीं करती है। शंकरगढ़ में कुछ विद्यालय ग्राम पंचायत या सरकारी जमीन पर भी चल रहे हैं। क्षेत्र में शिक्षा विभाग के अधिकारी यदि ईमानदारी से निरीक्षण करें तो बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है।
बारा, हिन्दुस्तान संवाद। बारा क्षेत्र के विभिन्न गांवों एवं कस्बों में बिना मान्यता के कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारी अनजान बने हैं। स्कूल संचालक अभिभावकों के साथ धोखा कर रहे हैं।
बारा, जसरा, गौहनिया, चिल्ला गौहानी, लालापुर, शिवराजपुर, शंकरगढ़, जारी, कौधियारा, करमा, बबंधर आदि कस्बों और गांवों में अंग्रेजी माध्यम और सीबीएसई पैटर्न पर संचालित दर्जनों नर्सरी, बेसिक, जूनियर, हाई स्कूल दर्जनों विद्यालय शासन के नियम कानून के विपरीत संचालित हैं। नर्सरी की मान्यता पर प्राथमिक, प्राथमिक की मान्यता पर जूनियर, जूनियर की मान्यता पर हाई स्कूल तक की कक्षाओं का संचालन हो रहा है। अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य के नाम पर मनमाना शुल्क अदा करते हैं। उनको जानकारी तब होती है जब छात्र अंतिम परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद टीसी लेता है। उस समय वह अपने आप को ठगा सा महसूस करता है किंतु चुप रह जाता है। शिक्षा विभाग के अधिकारी जान कर अनजान बने हैं ।