नई दिल्ली : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों का अब सभी राज्यों में तेजी से अमल दिखने लगा है। दो साल के भीतर ही देश में सवा लाख से ज्यादा प्री-प्राइमरी या बालवाटिका (एनईपी में प्री-प्राइमरी स्कूलों को यही नाम दिया गया है) खुल गई हैं।
इनमें सबसे ज्यादा करीब 46 हजार प्री-प्राइमरी स्कूल बंगाल में खोले गए हैं, वहीं दूसरे राज्यों में भी तेजी से इनका खुलना शुरू हो गया है। बंगाल वहीं राज्य है, जिसने एनईपी से हटकर अपनी अलग शिक्षा नीति लाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसे लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित की गई है। बंगाल को छोड़ दें तो बाकी के सभी राज्य एनईपी की सिफारिशों पर ही आगे बढ़ रहे है। एनईपी के तेजी से अमल को लेकर यह रिपोर्ट हाल ही में संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्रालय ने पेश किया है।