केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को सरकारी कार्यक्रमों के तहत फोर्टिफाइड चावल को तीन चरणों में वितरित करने की योजना को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति का निर्णय पोषण स्तर में सुधार और महिलाओं और युवा आबादी के कल्याण को आगे बढ़ाने के प्रयासों के अनुरूप लिया गया है।
भारतीय खाद्य निगम द्ग(एफसीआइ) और राज्य एजेंसियों ने इसकी आपूर्ति और वितरण के लिए पहले ही 88.65 लाख टन फोर्टिफाइड चावल की खरीद की है। कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पहले चरण में आइसीडीएस और पीएम पोषण कार्यक्रमों के तहत फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। दूसरे चरण में मार्च 2023 तक सभी महत्वाकांक्षी जिलों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जाएगा।
अंतिम चरण में, शेष सभी जिलों को मार्च 2024 तक कवर किया जाएगा। चावल के फोर्टिफिकेशन की पूरी लागत लगभग 2,700 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है। इसे केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। अटल इनोवेशन मिशन को मार्च 2023 तक जारी रखने को मंजूरी: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अन्य फैसले में अटल इनोवेशन मिशन (एआइएम) को मार्च 2023 तक जारी रखने को भी मंजूरी दी। इसका उद्देश्य देश में नवाचार और उद्यमिता का पारिस्थितिकी तंत्र बनाना और बढ़ावा देना है। एआइएम के लक्ष्यों में 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) के साथ-साथ 101 अटल इनक्यूबेशन सेंटर (एआईसी) स्थापित करना और अटल न्यू इंडिया चैलेंज के माध्यम से 200 स्टार्टअप का समर्थन करना शामिल है। इस प्रक्रिया में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का कुल बजट खर्च किया जाएगा।
कुपोषण से लड़ने में कारगर है फोर्टिफाइड चावल नीति आयोग के अनुसार यह कुपोषण के दूर करने का त्वरित और किफायती तरीका है। इसके तहत चावल में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों को मिलाते हैं।