गजरौला में साथी शिक्षिकाओं के उत्पीड़न से दुखी होकर एक शिक्षिका द्वारा न सिर्फ स्कूल छोड़ा गया बल्कि उन्होंने अपना इस्तीफा लिखकर खंड शिक्षा अधिकारी के लिए भेजा है। उनके इस्तीफे की कापी इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हुई है। हालांकि स्थानीय शिक्षा अधिकारी इस बात से अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं।
मामला उत्तर प्रदेश के जनपद अमरोहा के गजरौला ब्लाक के गांव तिगरिया खादर स्थित संविलियन विद्यालय का है। यहां पर शालिनी सिंह सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। आरोप है कि जब से विद्यालय संविलियन हुआ है। उसके बाद से साथी शिक्षिकाओं द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। शिक्षिकाएं स्कूली बच्चों से उन्हें अपमानित करवाती हैं तो कभी स्वयं ही गलत बात कहते हैं। उन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं देती हैं। लगभग एक साल से लगातार उत्पीड़न होने से शिक्षिका शालिनी मानसिक तनाव से भी जूझ रही हैं।
इस क्रम में सोमवार को शिक्षिका शालिनी के साथ गलत व्यवहार किया गया। वह स्कूल में पहुंचीं तो जैसे ही कुर्सी पर बैठने का प्रयास किया तो वहां से कुर्सी हटा दी गई। इससे क्षुब्ध होकर उन्होंने तत्काल खंड शिक्षा अधिकारी के नाम अपना इस्तीफा लिखकर वाट्सएप पर बने शिक्षकों के ग्रुप में भेज दिया। इतना ही नहीं मंगलवार को वह पढ़ाने के लिए स्कूल में भी नहीं आई है। उधर, विभाग के स्थानीय अधिकारी इस मामले के प्रति अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं।
पीड़ित शिक्षिका शालिनी का कहना है कि लगभग एक साल पहले विद्यालय संविलियन हुआ है। उसके बाद से विद्यालय में तैनात शिक्षिकाएं गुट बनाकर मुझे परेशान करती हैं। बच्चों से मेरा अपमान करवाया जाता है। जबकि मैं पूरी ईमानदारी के साथ स्कूल आकर पढ़ाई करवाती हूं। इस संबंध में स्कूल के प्रधानाध्यापक व बीईओ से भी पूर्व में कहा गया मगर, कोई समाधान न होने पर मैंने अपना इस्तीफा देने के लिए पत्र लिखा है।
जब तक मेरी समस्या का समाधान नहीं होगा। तब तक मैं स्कूल में पढ़ाने भी नहीं जाऊंगी। खंड शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार गौड़ ने बताया कि शिक्षिका द्वारा इस्तीफा देने का मामला संज्ञान में नहीं आया है और न ही उनके दफ्तर में इस तरह का कोई प्रार्थना पत्र आया है। अगर, ऐसा है तो वह इस मामले की जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे।