प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की प्रायोगिक परीक्षा लिखित परीक्षा के केंद्र पर आयोजित कराने के निर्णय से शुरू से ही प्रश्न उठ रहे थे। इसमें सिर्फ राजकीय व सवित्त विद्यालयों के ही शिक्षकों को परीक्षक बनाने के निर्णय को यूपी बोर्ड पहले ही संशोधित कर चुका है।
लिखित परीक्षा केंद्र पर प्रायोगिक परीक्षा होने से आंतरिक मूल्यांकन के अंक दिए जाने को लेकर दुविधा की स्थिति थी। इस मामले में प्रदर्शन कर ज्ञापन देने पहुंचे उत्तर प्रदेश विधान परिषद में शिक्षक नेता सुरेश कुमार त्रिपाठी को बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने स्पष्ट किया कि आंतरिक मूल्यांकन के अंक मूल विद्यालय के विषय के शिक्षक ही देंगे। गुरुवार को सुरेश कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में स्ववित्तपोषित विद्यालय महासंघ और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उसके बाद सचिव को ज्ञापन सौंपा। सचिव ने ज्ञापन लेकर उन्हें बताया कि वर्ष 2022 की प्रायोगिक परीक्षा मे स्ववित्तपोषित विद्यालय के शिक्षकों की भी ड्यूटी आवश्यकतानुसार लग रही है। शिक्षक विधायक सहित स्ववित्तपोषित विद्यालय महासंघ के श्याम बहादुर सिंह विशेन, अरविंद त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के रामसेवक त्रिपाठी, अनुज कुमार पांडे ने छात्रों की प्रायोगिक परीक्षा उनके मूल विद्यालय में ही कराए जाने की मांग भी रखी। तर्क दिया कि प्रायोगिक परीक्षा मूल विद्यालय में कराए जाने के पीछे छात्र हित जुड़ा है। इस पर सचिव ने स्पष्ट किया कि प्रायोगिक परीक्षा से संबंधित प्रपत्र (ईवी 234) में आंतरिक मूल्यांकन का अंक परीक्षार्थी के मूल विद्यालय का विषय शिक्षक ही भरेगा, न कि किसी अन्य विद्यालय का शिक्षक।