परीक्षा में शिक्षकों के बजाय उनके पति, भाई की उपस्थिति पर बीएसए ने मांगा स्पष्टीकरण

चंदौसी। परिषदीय विद्यालयों में वार्षिक परीक्षा के दौरान शिक्षकों के स्थान पर उनके पति, भाई, अभिभावकों के द्वारा परीक्षा कराने के मामले में बीएसए ने प्रधानाचार्यों से स्पष्टीकरण मांगा है। संतोषजनक स्पष्टीकरण न होने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।


जनपद के परिषदीय विद्यालयों में एक दिन देरी के साथ 23 मार्च से वार्षिक परीक्षाएं शुरू हुई थीं। परिषदीय विद्यालयों के 1752 शिक्षकों की ड्यूटी बोर्ड परीक्षा में लगा दी गई थी। सभी शिक्षकों को 23 मार्च को ही बोर्ड परीक्षा के लिए होने वाली मीटिंग में शामिल होने के आदेश दिए गए थे। शिक्षक एक समय पर एक ही स्थान पर उपस्थित हो सकते थे। अमर उजाला की टीम ने बुधवार को ही कुछ विद्यालयों की पड़ताल की तो शिक्षक मौके नहीं मिले थे। उनके साथ शिक्षक के पति, भाई, अभिभावक, मोहल्ले की युवती विद्यार्थियों की परीक्षा कराते मिले थे। खबर प्रकाशित होने पर बीएसए ने परीक्षा में परिजनों व अभिभावकों के उपस्थित रहने को गंभीर से लिया और शिक्षकों से आख्या मांगी है। परीक्षा के दौरान किसी बाहरी व्यक्ति को जिम्मेदारी नहीं सौंपी जा सकती है।

बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने बताया कि मुझे समाचार पत्र के माध्यम से ही शिक्षकों के स्थान पर दूसरे व्यक्तियों के उपस्थित रहने की जानकारी मिली थी। इस मामले में मैने संबंधित विद्यालयों के साथ ही खंड शिक्षा अधिकारियों से आख्या मांगी है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।