गोरखपुर : बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाने को लेकर स्कूलों द्वारा बोर्ड की वेबसाइट पर शिक्षकों की सूची अपलोड करने में घोर लापरवाही बरती गई है। निरीक्षण पर्यवेक्षण में मामला संज्ञान में आने के बाद वित्तविहीन विद्यालयों के विरुद्ध कार्रवाई की कवायद तेज हो गई है। कई विद्यालय के शिक्षक ड्यूटी लगाए जाने के बाद भी परीक्षा के दौरान ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हुए। गंभीरता से लेते हुए अपर सचिव माध्यमिक शिक्षा ने विभागीय अधिकारियों को दोषी वित्तविहीन विद्यालयों के विरुद्ध संस्तुति सहित प्रस्ताव भेजकर मान्यता प्रत्याहरण की सिफारिश करने को कहा है।
जिले में इस बार 199 परीक्षा केंद्र बने हैं। इनमें छह राजकीय विद्यालय, 85 शासकीय सहायता प्राप्त एवं 108 वित्तविहीन विद्यालय शामिल हैं। परीक्षा पूर्व बोर्ड ने केंद्र बने इन सभी विद्यालयों से शिक्षकों का ब्योरा पोर्टल के जरिये मांगा था।
इस दौरान तमाम विद्यालयों ने आनन-फानन में गलत ब्योरा अपलोड कर दिया था। जिससे परीक्षा शुरू होने पर विसंगति के कारण कई शिक्षक ड्यूटी नहीं किए तो कुछ ने लापरवाही बरतते हुए ड्यूटी नहीं की। अब इसको लेकर विभाग ने सख्त रुख अपनाया है।
’>>निरीक्षण व पर्यवेक्षण में मामला सामने आने पर माध्यमिक शिक्षा विभाग सख्त
’>>जिला विद्यालय निरीक्षकों से संस्तुति सहित मांगा गया जिम्मेदार स्कूलों का प्रस्ताव
शिक्षकों का ब्योरा अपलोड करने को लेकर वित्तविहीन विद्यालयों की लापरवाही सामने पर शासन गंभीर है। शासन पोर्टल के जरिये चिह्नित कर ऐसे स्कूलों की जिलावार सूची तैयार कर भेजेगा। सूची में जिन स्कूलों के नाम शामिल होंगे, उनके विरुद्ध जांच कर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, जिला विद्यालय निरीक्षक