लखनऊ: ऋण माफी कर किसान कल्याण से 2017 में अपने पहले कार्यकाल की शुरुआत करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरा कार्यकाल गरीब कल्याण के निर्णय के साथ किया है। कोरोना के बाद गरीबों को भुखमरी से बचाने के लिए केंद्र ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की थी। उसी तर्ज पर योगी सरकार ने मुफ्त राशन वितरण योजना शुरू की, जिसकी अवधि इस माह पूरी हो रही थी। प्रदेश सरकार ने योजना की अवधि तीन माह बढ़ाते हुए जून, 2022 तक प्रदेश के 15 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने का निर्णय किया है।
शपथ ग्रहण समारोह के अगले दिन ही शनिवार को लोकभवन में योगी सरकार के नए कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक हुई। पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि नवगठित सरकार का पहला निर्णय 15 करोड़ गरीब जनता-जनार्दन को समर्पित है। कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर नागरिक को संबल प्रदान करने के उद्देश्य से अन्न योजना शुरू की थी। अप्रैल, 2020 से अभी तक देश की 80 करोड़ जनता को इसका सीधा लाभ मिल रहा है। वहीं राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के अतिरिक्त मुफ्त राशन वितरण की योजना शुरू की। उन्होंने कहा कि मुफ्त टेस्ट, ट्रीटमेंट और टीका के प्रयास से कोरोना पर काबू पाया गया तो महामारी से उपजने वाली भुखमरी की समस्या के निदान में मुफ्त राशन की योजना बहुत उपयोगी रही है। अंत्योदय और अन्य पात्र गृहस्थी कार्ड धारक 15 करोड़ प्रदेशवासी डबल इंजन की सरकार में मुफ्त राशन की डबल डोज प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना की अवधि मार्च, 2022 में समाप्त हो रही थी। इसे अगले तीन माह तक बढ़ाए जाने का फैसला किया गया है। राशन वितरण की पारदर्शी व्यवस्था पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि 80 हजार उचित दर की दुकानों पर ई-पॉस मशीनें लगी हैं।
योगी ने बताया कि अप्रैल, 2020 से केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार अपने संसाधनों से 15 करोड़ गरीब जनता को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है। योजना के तहत अंत्योदय कार्ड धारकों को प्रदेश सरकार द्वारा 35 किलोग्राम खाद्यान्न दिया जाता है, जबकि पात्र गृहस्थी को प्रति यूनिट पांच किलोग्राम खाद्यान्न दिया जा रहा है। इसके अलावा दिसंबर, 2021 से खाद्यान्न के साथ-साथ एक लीटर रिफाइंड तेल, एक किलो दाल और एक किलो नमक भी प्रदेश में दिया जा रहा है। अंत्योदय श्रेणी के परिवारों को एक किलो चीनी भी मुहैया कराई जा रही है। कैबिनेट के निर्णय के बाद यह लाभ अब जून, 2022 तक गरीबों को मिलेगा। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि तीन माह पंद्रह करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन वितरण योजना पर 3,270 करोड़ रुपया खर्च आएगा।
लखनऊ में शनिवार को पत्रकारों को संबोधित करते मुख्यमंत्री योगी ’ जागरण
’>>कैबिनेट की बैठक में 15 करोड़ गरीबों के लिए बड़ा निर्णय
’>>मुफ्त राशन वितरण की योजना इसी माह हो रही थी खत्म
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: बढ़ती महंगाई के बीच गरीबों के लिए शनिवार को सरकार बड़ी राहत लेकर आई। पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने अब इस साल सितंबर तक 80 करोड़ आबादी को मुफ्त में राशन देने का फैसला किया है। कोरोना शुरू होने के बाद मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 में गरीबों को मुफ्त राशन देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की थी।
उस समय इस योजना की शुरुआत सीमित अवधि के लिए की गई थी, लेकिन जरूरतों को देखते हुए इसकी समय सीमा बढ़ती चली गई। इस साल 31 मार्च को मुफ्त राशन योजना की अवधि समाप्त हो रही थी। माना जा रहा है कि यूक्रेन संकट की वजह से बढ़ रही महंगाई को देखते हुए सरकार ने गरीबों से जुड़ी अन्न योजना को जारी रखने का फैसला किया है, ताकि उन पर अनाज खरीदने का आर्थिक भार नहीं आए। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल 2020 से लेकर इस साल मार्च तक सरकार 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।
भारत का सामथ्र्य देश के एक-एक नागरिक की शक्ति में समाहित है। इस शक्ति को और मजबूती देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को छह महीने और जारी रखने का निर्णय लिया है। देश के 80 करोड़ से अधिक लोग पहले की तरह इसका लाभ उठा सकेंगे।
-नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री
’>>इस साल अप्रैल से सितंबर तक 80 करोड़ जनता को मुफ्त में राशन देने से केंद्र सरकार पर 80 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा।
’>>इस प्रकार खाद्य सुरक्षा से जुड़ी दुनिया की सबसे बड़ी योजना पर सरकार इस साल सितंबर तक 3.40 लाख करोड़ रुपये खर्च कर देगी।
’>>योजना के तहत लाभार्थी को उसके सामान्य कोटे के अलावा प्रति व्यक्ति पांच किलो मुफ्त राशन दिया जाता है।
’>>इस योजना के तहत प्रति परिवार को लगभग दोगुना राशन मिल रहा है। इस साल मार्च तक 759 लाख टन अनाज का वितरण हो चुका है।
’>>अप्रैल से सितंबर तक मुफ्त राशन वितरण के लिए और 244 लाख टन अनाज का आवंटन किया गया है।
’>>खास बात है कि एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड स्कीम के तहत कोई भी व्यक्ति देश के किसी कोने में योजना का लाभ ले सकता है।