प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर और प्राचार्य के रिक्त पदों पर नई भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर अशासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पदों का ब्योरा मांगा। पदों का ब्योरा मिलने के बाद निदेशालय की ओर से उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) को अधियाचन भेज जाएगा और आयोग विज्ञापन जारी कर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू करेगा।
हालांकि निदेशालय ने पूर्व में भी अशासकीय महाविद्यालयों से असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों का ब्यौरा मांगा था। निदेशालय को तकरीबन दो हजार रिक्त पदों की सूचना भेजी गई थी। इसके बाद शासन ने जनशक्ति का निर्धारण करते हुए निर्देश जारी किया कि महाविद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती की जाए।
कुछ महाविद्यालयों में छात्रों की संख्या काफी कम है, इसके बावजूद वहां जरूरत से अधिक पदों को रिक्त दर्शाते हुए सूचना निदेशालय को भेज दी गई थी। ऐसे में निदेशालय को नए सिरे से रिक्त पदों का ब्योरा मांगना पड़ा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद पदों की संख्या घट या बढ़ सकती है।
प्राचार्य पदों पर भी भर्ती की तैयारी
निदेशालय ने पांच अप्रैल तक रिक्त पदों की जानकारी मांगी है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज की ओर से उच्च शिक्षा अधिकारियों को जारी किए गए पत्र में यह भी कहा गया है कि अगर त्रुटिपूर्ण अधिचायन के कारण भविष्य में कोई विसंगति उत्पन्न होती है तो उसका व्यक्तिगत उत्तरदायित्व क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी अथवा प्राचार्य को होगा।
कॉलेजों में प्राचार्य के पदों पर भी भर्ती होनी है। हालांकि कुछ दिनों पहले ही यूपीएचईएससी ने प्राचार्य के 290 पदों पर भर्ती के लिए रिजल्ट जारी किया था। इनमें से 216 पदों पर अभ्यर्थियों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। ज्वाइन करने की अंतिम तिथि 30 मार्च निर्धारित की गई है। 30 मार्च के बाद जो पद रिक्त रह जाएंगे, उन्हें भी नए अधियाचन में शामिल कर लिया जाएगा।
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