कोरोना संक्रमण के बाद खुल रहे स्कूलों में छात्र-छात्राओं को बताया जा रहा हाथ सैनिटाइज कर आएं
झांसी। विद्यालयों ने कोरोना के साथ खुद को भी बदला है। अभिभावकों के मन में बच्चे की सुरक्षा के डर को खत्म करने के लिए विद्यालय ने भी कई सुरक्षा इंतजाम किए हैं। विद्यालय की तरफ से विद्यार्थियों को सख्त निर्देश है बिना मास्क विद्यालय में प्रवेश नहीं मिलेगा विद्यालय गेट पर बच्चों के हाथ सैनिटाइज कर उनको विद्यालय में प्रवेश कराया जाता है।
कोरोना पूरे विश्व में महामारी के रूप में फैला था, कई लोगों ने इस महामारी में अपने परिवार और करोधियों को खो दिया। दो वर्षों तक फैले कोरोना के प्रकोप ने कई क्षेत्र में कई बदलाव लाए।
शिक्षा का स्तर कोरोना के दौरान रहे लॉकडाउन के कारण काफी नीचे गिरा है।
विद्यालय दो वर्ष तक पूर्ण रूप से बंद रहे. ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़े रखने का प्रयास किया गया। फरवरी से सभी विद्यालय और विभाग पूर्ण क्षमता से खोले जाने का शासनादेश आया था। कोरोना के बाद विद्यालय स्तर में कई बदलाव किए गए। विद्यालयों में प्रतिदिन सैनिटाइजेशन किया जाने लगा।
विद्यार्थियों को साफ-सफाई के मायने सिखाए गए मास्क और सैनिटाइजर के महत्व को विद्यार्थियों को समझाया गया। इसके साथ ही अभिभावकों भी स्कूल जागरूक कर रहे है।
ये हैं खास व्यवस्थाएं
विद्यालयों में बिना गास्क प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
अभिभावकों को बताया है कि बच्चों को दो मास्क देकर स्कूल भेजे।
बसों और पूरा स्कूल रोज सैनिटाइज कराया जाएगा।
बच्चों को समझा दिया गया है कि अपना लंच किसी के साथ शेयर न करें।
कक्षा में अपना कोई भी सामान बिना अनुमति किसी के साथ शेयर नहीं करना है।
15-17 साल के विद्यार्थियों और सभी स्टॉफ का वैक्सीनेशन किया गया है।
कक्षाओं में सोशल दूरी के साथ बच्चों के बैठने की व्यवस्था की गई है।