प्रयागराज : हाई कोर्ट में सुनवाई के मामले में लखनऊ से आए बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सोमवार को परिषद कार्यालय में बैठ कर फाइलें मंगाकर कार्यों की समीक्षा की। बिना ठोस कारण के कार्यों को लटकाने वाले एक-एक कर्मचारियों को बुलाकर कारण पूछा। उचित जवाब नहीं मिलने पर चेताया कि नोटिस जारी करने के साथ जांच कराकर निलंबित करने के लिए यह आधार पर्याप्त है।
उन्होंने मामूली वजहों से लटकी फाइलों को जिलों से फौरन वार्ता करके निस्तारित करने के निर्देश तो दिए ही, मानीटरिंग के लिए दूसरे कर्मचारी को भी साथ में लगा दिया। सचिव ने कर्मचारियों के साथ समीक्षा के दौरान कहा कि वह सप्ताह में कम से कम तीन दिन यहां बैठ कर लंबित कार्यों को निपटाएंगे। उन्होंने कोर्ट से जुड़े मामलों की फाइलों को भी खंगाला। बेवजह फाइल लटकी होने पर कर्मचारी को चेतावनी दी। उन्होंने किसी पर कार्यवाही तो नहीं की, लेकिन कई कर्मचारी उनकी निगाह में चढ़ गए। उनकी नाराजगी की स्थिति यह थी कि काम लटकाए रहे कर्मचारी से फाइल लेकर निस्तारित करने के लिए दूसरे कर्मचारी को दे दी। उन्होंने मीरजापुर के बर्खास्त एक शिक्षक के मामले में कोर्ट में अवमानना की स्थिति आने का कारण संबंधित लिपिक से पूछा। उसके पास कोई जवाब नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जताई। कई और कर्मचारियों से जवाब तलब किया। कहा कि फाइलें लटकाकर परेशान करने पर एक नोटिस जारी करने के साथ जांच कराकर जेल भेजने की भी कार्रवाई की जाएगी।
नए शैक्षिक सत्र में चलाएंगे जनजागरूकता सचिव प्रताप सिंह बघेल ने बताया कि परिषदीय स्कूलों की परीक्षा 22 मार्च से शुरू हो रही है। परीक्षा के बाद जन जागरूकता अभियान चलाकर नए शैक्षिक सत्र में विद्यालयों में बच्चों का प्रवेश कराया जाएगा। इस संबंध में एडी बेसिक और बीएसए को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में संसाधन बढ़ने से छात्र संख्या भी बढ़ी है। शैक्षिक स्तर और दुरुस्त कराया जाएगा।