प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में सहायक प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया के दौरान पीएचडी व नेट वालों को अंक देने में विभेद के खिलाफ दायर याचिका पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय को चार हफ्ते का समय दिया है।
अगली सुनवाई 10 मई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने अजीत कुमार राय की याचिका पर दिया है।इससे पहले भी कोर्ट ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय दिया था, लेकिन फिर से समय मांगा गया। याचिका पर अधिवक्ता हरिशंकर त्रिपाठी ने बहस की। कहा कि याची ने नेट क्वालीफाई किया है।
न्यूनतम अर्हता परास्नातक के साथ नेट है। आयोग की गाइड लाइंस में नेट के लिए पांच अंक तथा पीएचडी वालों को 30 अंक देने की बात है। भर्ती में पीएचडी बाध्यकारी नहीं है। अब बिना पीएचडी किए नेट क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों को चयन में शामिल होने का अधिकार दिया गया है। नेट को पांच अंक व पीएचडी को 30 अंक देना विभेदकारी है। इससे नेट वालों को चयन का अवसर नहीं मिलेगा। इसकी वैज्ञानिकता को चुनौती दी गई है।