प्रयागराज : प्रशासन की लचर व्यवस्था और जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के चलते अब खतरनाक मांझे की चपेट में आने से शिक्षिका निशा पांडेय का गला जख्मी हो गया। डाक्टरों ने 12 टांके लगाए, जिसके बाद उनकी हालत में सुधार हुआ। घटना रविवार अपरान्ह यमुना बैंक रोड पर बोट क्लब के पास हुई। मगर कीडगंज पुलिस बेखबर है।
अलोपीबाग दारागंज निवासी निशा पांडेय अपने घर से बोट क्लब की तरफ से कल्याणी देवी स्थित अपनी एक परिचित के घर जा रही थीं।
वह स्कूटी चला रही थीं और पीछे उनकी पुत्री कंजिका बैठी थीं। बोट क्लब के पास पहुंचीं तभी मांझा उनकी गर्दन में आकर फंस गया। जब तक वह अपनी स्कूटी रोकतीं, उनका गला जख्मी हो गया। खून बहता देख बेटी परेशान हो गई और तुरंत अपने दुपट्टे से बह रहे खून को रोकने का प्रयास किया। फिर किसी तरह कंजिका अपनी मां को गऊघाट, मुट्ठीगंज स्थित निजी अस्पताल ले गई जहां डाक्टरों ने उन्हें 12 टांके लगाए। निशा पांडेय भाषाविज्ञानी और समीक्षक आचार्य पंडित पृथ्वीनाथ पांडेय की पत्नी हैं। वह थरवई स्थित स्वामी विवेकानन्द हायर सेकेंडरी स्कूल में शारीरिक शिक्षिका हैं। घटना के समय उनके पति हिंदी साहित्य सम्मेलन के वार्षिक अधिवेशन में थे। हैरान करने वाली बात है कि इससे पहले भी चाइनीज मांझा की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो चुकी है। जबकि कई घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन प्रतिबंधित मांझा की बिक्री और प्रयोग पर रोक नहीं लगा पा रहा है। निशा की बेटी कंजिका ने मांग की है कि आरोपित पतंगबाज को पकड़कर उससे या फिर उनके माता-पिता से पांच हज़ार रुपये का आर्थिक दंड लेते हुए कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाए। उधर, थानाध्यक्ष कीडगंज मनोज यादव का कहना है कि घटना के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है। गौरतलब है कि इससे पहले भी चाइनीज मांझे की चपेट में आकर शहर के कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।