नई दिल्ली: छात्रों को उच्च शिक्षा की पढ़ाई कभी भी बीच में छोड़ने और शुरू करने का विकल्प मुहैया कराने वाली एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) स्कीम को अब सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनाना होगा।
शिक्षा मंत्रलय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इस दायरे में आने वाले सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से इसके अमल में तेजी दिखाने को कहा है। अभी इस दायरे में सिर्फ उन्हीं संस्थानों को रखा गया है, जो उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता को जांचने वाली संस्था नैक (नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडेशन काउंसिल) की रैंकिंग में ‘ए’ श्रेणी में है या फिर एनआइआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क) की रैंकिंग में शीर्ष सौ संस्थानों में शामिल हैं। शिक्षा मंत्रलय ने यह पहल उस समय की है, जब इस दायरे में आने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों का इस स्कीम से जुड़ने को लेकर रुझान कम है। अब तक करीब दो दर्जन उच्च शिक्षण संस्थान ही इससे जुड़े हैं।
अधिकारियों की मानें तो यह स्कीम तभी सफल होगी, जब इससे ज्यादा से ज्यादा संस्थान जुड़ेंगे। इस स्कीम में बैंक खाते की तरह उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने वाले प्रत्येक छात्र का एक एकेडमिक खाता खुलेगा, जिसमें उसकी पढ़ाई का पूरा ब्योरा व उसका क्रेडिट स्कोर दर्ज रहेगा। इसके आधार पर वह किसी भी कोर्स में दाखिला ले सकेंगे।
शिक्षा मंत्रलय और यूजीसी ने संस्थानों को तेजी से जुड़ने के दिए निर्देश, इस स्कीम में छात्रों की पढ़ाई का क्रेडिट रहेगा जमा