बोर्ड परीक्षा ड्यूटी में शिक्षक भी नहीं रख सकेंगे मोबाइल, परीक्षा के दौरान फोन मिलने पर केस दर्ज कराने की चेतावनी, जानें पूरी खबर

गौरीगंज (अमेठी)। हाईस्कूल इंटरमीडिएट की यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन संपन्न कराने के लिए सचिव ने परीक्षा के दौरान मोबाइल फोन को पूरी तरह प्रतिबंधित कराने का आदेश दिया है। सचिव का पत्र मिलने के बाद डीआईओएस ने सभी केंद्र व्यवस्थापकों को पत्र जारी कर शिक्षक कर्मचारियों के साथ परीक्षार्थियों का मोबाइल फोन जमा कराने के लिए परीक्षा केंद्र के बाहर मोबाइल संकलन केंद्र बनाने का आदेश दिया है। परीक्षा के दौरान फोन मिलने पर केस दर्ज कराने की चेतावनी दी गई है





24 मार्च से जिले के 81 परीक्षा केंद्रों पर होने वाली हाईस्कूल व इंटरमीडिएट यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन संपन्न कराया जा सके इसके लिए सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद ने परीक्षा अवधि में केंद्र के भीतर मोबाइल फोन को पूरी तरह प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सचिव का पत्र मिलने के बाद डीआईओएस उदय प्रकाश मिश्र ने सभी 81 केंद्र व्यवस्थापकों को पत्र जारी कर परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल फोन के साथ प्रवेश वर्जित करने का आदेश दिया है। डीआईओएस ने शिक्षक/कर्मचारियों के अलावा परीक्षार्थियों का मोबाइल परीक्षा केंद्र के बाहर सुरक्षित रखा जा सके इसके लिए केंद्र के बाहर एक संकलन केंद्र बनवाने का निर्देश दिया है। डीआईओएस ने जांब/निरीक्षण के दौरान परीक्षा केंद्र व कक्ष में मोबाइल फोन मिलने की स्थिति में जिम्मेदार के अलावा केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ केस दर्ज कराने की चेतावनी दी गई है।




परिचय पत्र व आधारकार्ड अनिवार्य
परीक्षा को शुचिता बनी रहे व कक्ष निरीक्षकों के साथ कर्मचारियों को पहचान हो सके इसके लिए सभी को परीक्षा के दौरान विभाग की ओर से जारी परिचय पत्र को अपने शर्ट के ऊपर पिन से टैग करना होगा आधार कार्ड अपने साथ रखना अनिवार्य होगा सचिव का पत्र मिलने के बाद डीआईओएस ने सभी केंद्र व्यवस्थापकों को पत्र जारी कर बिना आधार कार्ड के शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाने का आदेश दिया है।



जमा करना होगा शैक्षिक अभिलेख
विषय विशेषज्ञ की परीक्षा के दिन ड्यूटी नहीं लगाने का आदेश मिलने के बाद निरीक्षकों के शैक्षिक विषय की जानकारी हो सके इसके लिए डीआईओएस ने सभी केंद्र व्यवस्थापकों की शिक्षकों का शैक्षिक अभिलेख विद्यालय में जमा कराने का निर्देश दिया है। पत्र में स्वयं जांच के बाद ड्यूटी लगाने की बात कहते हुए जांच टीम को जरूरत पड़ने पर अभिलेख दिखाने का निर्देश दिया है।