शाहजहांपुर। अब रसोइयों को मानदेय लेने के लिए प्रधानाध्यापक के पास जाकर बार-बार नहीं कहना पड़ेगा। जिले के प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में कार्यरत रसोइयों को पीएफएमएस पोर्टल से जोड़ दिया गया है। अब एक क्लिक करते ही जिले की सभी रसोइयों का मानदेय उनके खाते में जाएगा। ग्राम प्रधान से मुहर लगाने का झंझट खत्म हो जाएगा। पहले रसोइयों को एमडीएम के खाते से चेक दिया जाता था।
साल में मिलता 10 माह का मानदेय
जिले के बेसिक विद्यालयों में बच्चों का भोजन बनाने के लिए रसोइयों को लगाया गया है। भोजन बनाने के साथ स्कूलों के अन्य कार्य करने होते हैं। साल भर में इन्हें 10 महीने का मानदेय ही दिया जाता है।
एमडीएम खाते में आता था मानदेय
जिले के 1826 प्राइमरी व 894 जूनियर स्कूलों में करीब 7917 रसोइयों को भोजन बनाने के लिए लगाया गया है। रसोइयों को महीने में 1500 रुपये मानदेय दिया जाता है, जो स्कूल के एमडीएम खाते में भेजा जाता था।
समय से नहीं मिल पाता था मानदेय
त्योहारों पर समय से मानदेय नहीं मिल पाता था। मानदेय प्राप्त होने में समस्या बनी रहती थी। खाते में समस्या आने पर बैंक चेक वापस कर देती थी। कभी अन्य समस्या हो जाती थी। कभी शासन से देर से प्राप्त होता था।
सीडीओ के पास भेजी गई फाइल
नई व्यवस्था से जिले की सभी रसोइयों के बैंक खाते की जानकारी जुटाकर उनके खाते को पीएफएमएस पोर्टल से जोड़ दिया है। पोर्टल से जोड़ने के बाद उनके खाते में पैसा भेजने के लिए फाइल को सीडीओ के पास भेज दिया गया है।
रसोइयों के खाते को पोर्टल से जोड़ दिया गया है। अब एक क्लिक करते ही रसोइयों के खाते में मानदेय पहुंच जाएगा।
सुरेंद्र सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी