नई दिल्ली: अगले सप्ताह से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2022-23 से जुड़े वित्त विधेयक, 2022 को लोकसभा ने पारित कर दिया। नए वित्त वर्ष से सभी प्रकार के वचरुअल डिजिटल असेट्स (वीडीए) से होने वाली कमाई पर 30 फीसद टैक्स को मंजूरी मिल गई है।
क्रिप्टोकरेंसी को भी वीडीए माना जाएगा। ऐसे किसी भी कोड, नंबर या टोकन को वीडीए माना जाएगा, जिसे ट्रांसफर, स्टोर या इलेक्ट्रानिक रूप में कारोबार किया जा सकता है। वीडीए के सभी लेनदेन पर एक प्रतिशत टीडीएस भी देना होगा। वीडीए से होने वाले किसी नुकसान को टैक्स में समायोजित नहीं किया जा सकेगा। वित्त विधेयक में सेस व सरचार्ज भुगतान को अपनी आय में दिखाकर टैक्स बचाने वालों की पूर्व के समय से जांच की जा सकती है। इसे वर्ष 2005-06 मूल्यांकन वर्ष से लागू माना जाएगा। इस मद में जुर्माने का प्रविधान किया गया है। नए वित्त वर्ष से आइटीआर को भी अपडेट कर सकेंगे। वित्त विधेयक में 39 संशोधन प्रस्तावित थे। शुक्रवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर अपने जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वचरुअल डिजिटल असेट्स या क्रिप्टो को लेकर सरकार में कोई अस्पष्टता नहीं है। क्रिप्टो को प्रतिबंधित करना या है नहीं, या इसे नियमन के दायरे में लाना है, इन सभी पहलुओं पर विमर्श जारी है। तब तक के लिए क्रिप्टो पर इसलिए टैक्स लगाया गया है क्योंकि भारी संख्या में क्रिप्टो का लेनदेन हो रहा है और लोग इससे कमाई कर रहे हैं।
’>>क्रिप्टो को लेकर दुविधा नहीं, इस पर विमर्श जारी: सीतारमण
’>>वित्त विधेयक 2022 को लोकसभा ने किया मंजूर