पांच वर्षों से अनुदेशकों की कमी से जूझ रहा महिला आईटीआई
कानपुर। महिला आईटीआई लाल बंगला (नगर कैंपस) में बगैर गुरुजी के ही शिक्षा दी जा रही है। यहां चल रहे 12 में से आठ पाठ्यक्रमों में अनुदेशक (आईटीआई में पढ़ाने वाले शिक्षक) ही नहीं है। ऐसा नहीं है कि वे आ नहीं रहे या सेवानिवृत्त हो गए हैं बल्कि आठ ट्रेडों में शिक्षक के पद ही स्वीकृत नहीं है।शासन के नियमों के अनुसार, एक साल के एक कोर्स की एक यूनिट में एक शिक्षक और दो साल के कार्स की एक यूनिट में दो शिक्षकों का होना अनिवार्य है। जिन पाठ्यक्रमों में अनुदेशक नहीं यूनिटों की संख्या बढ़ने पर शिक्षकों की संख्या में भी वृद्धि की जानी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि यहां पर जिन कोसों में अनुदेशक नहीं हैं, वहां पर दूसरे ट्रेड के अनुदेशक पढ़ाने आते हैं पर खानापूरी करके चले जाते हैं। पांच साल से यह ही हाल है। इसके बावजूद कोसों में छात्राओं को उनके कुशल होने का प्रमाणपत्र भी जारी किया जा रहा है।
बता दें कि आईटीआई में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में कौशल विकसित किया जाता है, जिससे छात्राएं स्वयं का रोजगार शुरु कर सके या उनको नौकरी मिले लेकिन बिना शिक्षकों के कौशल का विकास कितना बेहतर होता होगा, यह आप समझ ही सकते हैं।