सहारनपुर। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था बदलने वाली है। नई शिक्षा नीति के तहत पहले जहां परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई कक्षा एक से शुरू होती थी, वहीं अब पहले तीन साल की प्री प्राइमरी करने के बाद कक्षाएं शुरू होंगी। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इसको लेकर मन बना चुके हैं।
परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई कक्षा एक से कक्षा पांच तक चलती है, जबकि उच्च प्राथमिक में कक्षा एक से आठ या फिर कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई होती है, लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत अब तीन साल के प्री- प्राइमरी के बाद कक्षा शुरू होगी। इसके बाद कक्षा तीन से पांच के तीन साल शामिल किए गए हैं। तीन साल के मिडिल स्टेज में कक्षा 6 से 8 तक की कक्षा चलेगी। चौथा स्टेज कक्षा नौ से 12 तक चार साल का होगा। यानी सरकारी विद्यालयों में अब 10, 2 की जगह 5, 3, 3, 4 का पैटर्न लागू होने जा रहा है। इतना ही नहीं, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2030 तक छात्रों का नामांकन अनुपात 100 फीसदी लाने का रखा गया है। विद्यालयों में भाषा की जटिलता को दूर करने के लिए कक्षा एक से पांच तक की कक्षाओं के बच्चों को मातृभाषा के रूप में स्थानीय बोलचाल की भाषा को इस्तेमाल किए जाने पर बल दिया जाएगा। इसके अलावा शिक्षा को रोजगार परक बनाने पर भी जोर दिया जाएगा। माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा छह से ही व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई शुरू होगी। विद्यार्थियों के बस्ते के बोझ को कम करने के लिए भी योजना है।
जिले में विद्यालय और छात्र
जनपद में परिषदीय प्राथामिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 1438 है, जिनमें करीब 2,20,000 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 56 और एडेड माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 81 है। इनमें पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या करीब एक लाख है।
नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है, जिस पर तेजी से काम चल रहा है। खास बात यह है कि अब परिषदीय विद्यालयों में प्री-प्राइमरी भी होगी, जिसके बाद कक्षाएं शुरू होंगी। प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक पूरा पैटर्न तैयार किया गया है।
अंबरीष कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।