फिरोजाबाद। बेसिक शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण जिले के 81 परिषदीय विद्यालय के जर्जर भवन हादसे का सबब बने हुए हैं। इनके ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया डेढ़ साल से उलझी हुई है। पहले कोरोना और अब चुनाव के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया है।
परिषदीय विद्यालयों के 81 भवनों के जर्जर होने की रिपोर्ट फरवरी 2020 में तैयार की गई थी। इनके भौतिक सत्यापन के लिए ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, लोक निर्माण विभाग और लघु सिंचाई विभाग के इंजीनियरों की संयुक्त समिति बनाई गई थी। इस समिति को सत्यापन के लिए अभी तक समय नहीं मिल पाया है। इसके कारण इन्हें ध्वस्त नहीं कराया जा सका है। इन विद्यालयों में आज भी बच्चे पढ़ रहे हैं।
जिले के प्रा. विद्यालय मालीपट्टी, पुरानी नगरिया, पाढ़म, अलहदादपुर, उसायनी, अलीनगर कैंजरा द्वितीय, उलाऊ, जलोपुरा समेत 81 विद्यालय के भवन जर्जर भवन हैं, जिन्हें भौतिक सत्यापन का इंतजार है। इसमें कुछ स्कूलों में नए कक्ष का निर्माण कराया गया, लेकिन जर्जर भवनों में भी कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इन 81 स्कूलों में करीब 16 हजार बच्चे पढ़ते हैं जबकि 200 शिक्षक व शिक्षामित्र तैनात हैं।
81 जर्जर विद्यालय का चिह्नांकन किया गया है। इनके जल्द ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। जिन भवनों को दस साल के अंदर बनाया गया है और उनकी हालत जर्जर हो गई हैं, उनके निर्माण प्रभारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
-अंजली अग्रवाल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी