उत्तर प्रदेश के शामली में बाबरी थानाक्षेत्र के गांव भंदौड़ा के प्राथमिक विद्यालय नंबर-दो में 104 छात्र पंजीकृत हैं। जिन्हें पढ़ाने का जिम्मा एक शिक्षक पर है। मिड-डे मील की व्यवस्था भी शिक्षक को करनी पड़ती है। जिसके चलते शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार का करीब दो वर्षों से एआरपी के पद पर चयन के चलते विद्यालय का प्रभारी प्रधानाध्यापक चांदवीर सिंह को बनाया गया है। शासन द्वारा स्कूलों को खोलने के आदेश के बाद सभी 104 छात्र-छात्राओं को पढ़ाने का भार चांदबीर सिंह के ऊपर आ गया है।
पहले तो स्कूल में दो शिक्षा मित्र भी तैनात थे, दोनों शिक्षा मित्रों ने अपने पद से एक वर्ष पूर्व इस्तीफा दे दिया। इसी विद्यालय में एक अध्यापिका प्रिया वर्मा इसी माह से छह माह के लिए अवकाश पर चली गई हैं। अब बच्चों के खाने से लेकर पढ़ाने तक की जिम्मेदारी चांदबीर सिंह के कंधों पर है।
चार किमी जाकर लाते हैं सब्जी, फल दूध
प्रभारी अध्यापक चांदबीर सिंह ने बताया कि अकेला होने के कारण बच्चों के मिड-डे मील के लिए चार किमी दूर बाबरी के बाजार से सब्जी, फल दूध आदि खरीदकर लाना पड़ता है। साथ ही बच्चों की रोटी के लिए हिरनवाड़ा करीब तीन किमी आटा चक्की पर गेहूं पिसाई कराने के लिए जाना पड़ रहा है। जिसके कारण बच्चों के शिक्षण कार्य में परेशानी हो रही है। सभी सब्जेक्ट्स भी पढ़ाना मुश्किल हो गया है।
खंड शिक्षा अधिकारी सीमा चौहान ने बताया कि मानक के अनुसार 30 बच्चों पर एक अध्यापक की नियुक्ति होती है। कई विद्यालयों में शिक्षक की नियुक्ति के लिए उच्चाधिकारियों को दिसंबर में पत्र भेजा था। वहीं से नियुक्ति की जाएगी।
शौचालय भी जर्जर हालत में
विद्यालय में वित्तीय वर्ष 2018-19 में ग्राम पंचायत ने शौचालय का निर्माण कराया था। जो अब जर्जर हालत में है। फर्श व दीवार में दरार आ गई है। जिसके कारण कभी भी कोई हादसा हो सकता है।