प्रयागराज उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की कई भर्तियों में सीबीआइ गड़बड़ी पकड़ चुकी है। प्रतियोगी धांधली करके चयनित हुए अभ्यर्थियों को पद से हटाने, गड़बड़ी करने वालों को सजा देने की मांग लगातार उठा रहे हैं। इसके बावजूद न दोषियों को सजा मिली और न ही चयनितों को पद से हटाया गया। शासन की उपेक्षा से आहत प्रतियोगियों ने प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
आयोग की 2012 से 2016 तक की भर्ती परीक्षाओं की जांच सीबीआइ कर रही है। इसके तहत करीब 598 भर्ती परीक्षाओं व परिणामों की जांच होनी है। सीबीआइ की टीम ने छह से नौ अगस्त 2021 तक प्रयागराज में रुककर जांच की थी। जांच में एपीएस-2010 की भर्ती में गड़बड़ी मिलने पर आयोग के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ एफआइआर लिखी गई है। वहीं, आयोग के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अनुमति मांगी है, लेकिन सीबीआइ को अनुमति नहीं मिली है। सीबीआइ को एपीएस 2010, आरओ-एआरओ - 2014, उत्तर प्रदेश प्रांतीय न्यायिक सेवा 2014, मेडिकल अफसर परीक्षा 2014 जैसी भर्तियों में खामियां मिली हैं। प्रतियोगियों ने कहा कि भाजपा ने 2017 के चुनाव से पहले भर्ती में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का वादा पूरा नहीं किया।