पीडीडीयू नगर जिले के 1185 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का मिड डे मील बनाने के लिए रसोइयों की नियुक्ति की गई है। ये रसोइये नियमित रूप से बच्चों के लिए मिड डे मील बनाती है। मिड डे मील बनाने के एवज में रसोइयों को प्रतिमाह निश्चित मानदेय दिया जाता बावजूद इसके कई विद्यालयों के रसोइयों को करीब चार माह से मानदेय नहीं मिला है। इससे रसोइयों के लिए घर का खर्च चलाना दूभर हो गया है। मानदेय के लिए रसोइयों द्वारा किया गया धरना प्रदर्शन भी बेकार साबित हुआ है। इससे उनमें रोष है।
सरकारी स्कूलों से बच्चों को जोड़ने के लिए मिड डे मील की व्यवस्था की गई है। योजना के तहत बच्चों को सप्ताह के अलग-अलग दिन मेन्यू के अनुसार दिन का भोजन दिया जाता है। मिड डे मोन बनाने के लिए स्कूलों में रसोइयों की नियुक्ति की गई है। इनमें करीब 95 प्रतिशत महिलाएं हैं। रसोइये प्रतिदिन सुबह बच्चों का भोजन बनाते हैं। इसके एवज में प्रत्येक रसोइये को 15 सौ रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। चार माह से मानदेय न मिलने के कारण गरीब तबके की महिला रसोइयों के सामने घर का खर्च चलाने का संकट खड़ा हो गया है। रसोइयों का कहना है कि मिड डे मील बनाने के बाद मानदेय के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। विगत चार माह से परेशानी उठानी पड़ रही है।
शासन से बजट आने के बाद रसोइयों को वर्ष 2021 के अक्टूबर व नवंबर माह के मानदेय का भुगतान कर दिया गया है। वर्ष 2022 के जनवरी व फरवरी माह का भुगतान अटका पड़ा है। शासन से धन मिलते ही इन दोनों माह का भुगतान भी कर दिया जाएगा। नीरज कुमार सिंह, समन्वयक, मिड डे मील