गोंडा। बेसिक स्कूलों में अब शैक्षिक विकास के लिए निजी स्कूलों का साथ होगा। निजी स्कूलों को आसपास के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के तौर तरीके साझा करने होंगे। दोनों स्कूलों के बच्चों में समानता लाने की पहल होगी। पहले भी कान्वेंट स्कूलों से सरकारी स्कूलों के छात्रों की प्रतियोगिता कराने की पहल हो चुकी है। करनैलगंज के बीईओ और वर्तमान में बीएसए का प्रभार देख रहे राम प्रताप सिंह ने कई प्रयोग किया था। इससे कई बदलाव भी दिखे थे। शासन नई पहल की तैयारी कर रहा है।
बेसिक स्तर पर निजी और सरकारी स्कूलों के बीच बंटी स्कूली शिक्षा को अब एक जैसा स्वरूप देने की बड़ी पहल होगी। इसमें निजी और सरकारी स्कूल अब एक साथ मिलकर स्कूली शिक्षा को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। वह एक-दूसरे की सभी अच्छी पहल को अपनाएंगे। एक दूसरे के संसाधनों का भी इस्तेमाल कर सकेंगे। नए शैक्षिक सत्र में प्रत्येक निजी स्कूल को अपने आसपास के कम से कम एक सरकारी स्कूल के साथ जुड़ाव रखना होगा। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती देने के साथ निजी एवं सरकारी स्कूलों के बीच की खाई को पाटने के लिए यह पहल होगी है। वर्ष 2023 तक पूरी तरह से अमल में लाने का लक्ष्य तय किया है। बताया जा रहा है कि मौजूदा समय में स्कूली शिक्षा में निजी और सरकारी स्कूलों के बीच एक बड़ा अंतर दिखता है, जबकि सभी में एक जैसा कोर्स पढ़ाया जाता है। यह बात अलग है कि निजी स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों के पास संसाधन कम है।
एक साथ लाकर लाएंगे शिक्षा में बदलाव
निजी स्कूलों में कई तरह की सुविधाओं के सहारे अभिभावकों को आकर्षित किया जाता है। ऐसे में वह मोटी फीस देकर भी प्रवेश कराते हैं। जबकि सरकारी स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षक होने के बाद भी चंद संसाधनों और दिखावा न होने से आकर्षण नही हो पाता है। सरकारी स्कूलों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय सहित प्रशिक्षण की सुविधाएं नहीं है। ऐसे में सरकार ने निजी और सरकारी स्कूलों के बीच जुड़ाव बढ़ाने की पहल की है। माना जा रहा है कि इस पहल से निजी और सरकारी स्कूलों दोनों को लाभ होगा। निजी स्कूल खेलकूद जैसी गतिविधियों के लिए सरकारी स्कूलों के खेल मैदान आदि का इस्तेमाल कर सकेंगे।
प्रतियोगिताओं के साथ आयोजित होंगी गतिविधियां
निजी व सरकारी स्कूलों के छात्रों के बीच प्रतियोगिताएं होंगी। इसके साथ ही गतिविधियों की धूम होगी। इस दौरान निजी एवं सरकारी स्कूलों ने अपनी अच्छी पहलों को एक-दूसरे के साथ साझा करेंगे। इसके साथ ही एक- दूसरे स्कूलों के बच्चे भी एक-दूसरे के परिसरों का भ्रमण करेंगे। सामूहिक गतिविधियों का आयोजन करेंगे जिसमें खेल सहित दूसरी प्रतिस्पर्धी प्रतियोगिताएं शामिल होंगी।
सरकारी स्कूलों में बेहतर माहौल बनाने के लिए कई तरह के नवाचार किए जा रहे हैं। नए सत्र से शैक्षिक विकास के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलेंगे। राम प्रताप सिंह, बीएसए