शिक्षा विभाग में प्रियंका,अनामिका जैसे नाम एक दो नहीं अनेकों हैं। शिक्षा विभाग के आला अधिकारी जानकारी के बावजूद फर्जीवाड़े के प्रकरणों पर कुंडली मार कर बैठे हुए हैं। कनौज की प्रियंका यादव का पहाड़ी ब्लाक के भरपुरा राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में लंदन में रहने वाली प्रियंका के शैक्षणिक अभिलेखों पर नौकरी करने का मामला उजागर होना महज इत्तेफाक है। इससे पहले विंध्याचल मंडल के सोनभद्र जिले के राजकीय बालिका इंटरमीडिएट कालेज सरईगढ़ पर फर्जी नियुक्ति व स्थानांतरण असली का प्रकरण भी विंध्याचल मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक कामता राम पाल की ओर से कराए गए सत्यापन में पूरी तरह से फर्जीवाड़ा सत्यापित हो चुका है।
यही नहीं फर्जी नियुक्ति कराने वाली मंजू यादव व सुमन सिंह पर कार्रवाई करने के लिए संयुक्त निदेशक उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय व अपर शिक्षा निदेशक राजकीय अंजना गोयल को प्रेषित कर कार्रवाई करने की सिफारिश की है। इस बाबत पिछले दिनों हिन्दुस्तान अखबार में प्रमुखता से खबर भी प्रकाशित किया जा चुका है। हालांकि दबाव के चलते सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक ने फर्जी दोनों सहायक अध्यापिकाओं सुमन सिंह व मंजू यादव के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर दिया है। बावजूद इसके अपर शिक्षा निदेशक राजकीय प्रयाग पर आरोप है कि उन्होंने प्रकरण पर लीपापोती करने के लिए विभागीय जांच बैठा दी है।
चौंकाने वाली बात तो यह कि अपर निदेशक ने दोनों प्रकरण में चार मार्च-2022 को सुनवाई की तारीख भी लगाई है। जबकि संयुक्त शिक्षा निदेशक विंध्याचल मंडल माध्यमिक शिक्षा निदेशक से सुमन सिंह व मंजूद यादव के विरूद्ध एसटीएफ से जांच कराने की सिफारिश की है। अपर शिक्षा निदेशक के सुनवाई की डेट लगाने को चौंकाने वाला कदम माना जा रहा है।