कन्नौज। जिले के 1653 परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 1.70 लाख बच्चों को कुपोषण से बचाने और सेहतमंद बनाने के लिए पंजाब का फोर्टिफाइड चावल और गेहूं खिलाया जाएगा। जनवरी, फरवरी और मार्च में मध्याह्न भोजन के लिए पंजाब से 14 हजार मीट्रिक टन की खेप जिले में आ गई है। इसमें पांच हजार मीट्रिक टन चावल और नौ हजार मीट्रिक टन गेहूं शामिल है। कोटेदारों के माध्यम से यह चावल स्कूलों तक पहुंचाया जा रहा है।
सरकार के निर्देश पर परिषदीय स्कूलों में बच्चों को पका-पकाया भोजन दोपहर में परोसा जा रहा है। मेन्यू के हिसाब से एमडीएम बनवाया जाता है। अभी तक सामान्य चावल व गेहूं का इस्तेमाल एमडीएम की तहरी व अन्य भोजन में किया जाता रहा है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार ने इस बार पंजाब से फोर्टिफाइड अनाज मंगाया है। डिप्टी आरएमओ फूड समरेंद्र सिंह का कहना है कि जिले में 14 मीट्रिक टन अनाज आ चुका है। यह कोटेदारों के माध्यम से स्कूलों तक पहुंचाया जा रहा है।
बच्चों के लिए है फायदेमंद
जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार सिंह का कहना है कि फोर्टिफाइड राइस का मतलब है, पोषणयुक्त चावल। इसमें आयरन, विटामिन बी, फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं। यानी इस चावल का सेवन करने वाले बच्चे कुपोषण का शिकार नहीं होंगे। यह चावल बच्चों के सेहत के लिए फायदेमंद है।
सामान्य राइस से 15 प्रतिशत फोर्टिफाइड
बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए पंजाब में विशेष तकनीक से तैयार किया गया फोर्टिफाइड चावल से एमडीएम में बनवाया जाएगा। परिषदीय स्कूलों में सामान्य चावल के सापेक्ष 15 प्रतिशत फोर्टिफाइड राइस से एमडीएम बनाया जाएगा। लोग कभी कभी इसे प्लास्टिक का चावल समझ लेते हैं।
इन बच्चों को मिलेगा फोर्टिफाइड राइस
जिले में कक्षा एक से लेकर आठ 1653 परिषदीय स्कूल हैं। इसमें 453 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इसके अलावा पांच कस्तूरबा विद्यालयों में भी इसमें शामिल हैं। कई स्कूल ऐसे हैं, जो कंपोजिट हो चुके हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चों को फोर्डिपाइड चावल खिलाया जाना है।