इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाएं जेईई और नीट क्या वास्तव में सीबीएसई के पाठ्यक्रम पर केंद्रित हैं? राज्य शिक्षा बोर्डों की तरफ से जब तब इस मुद्दे पर सवाल उठाए जाते रहे हैं।
अभी तक सरकार ने इस बात को स्वीकार नहीं किया, लेकिन हाल में सरकार की तरफ से संसदीय समिति के समक्ष कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाएं जैसे जेईई व नीट सीबीएसई द्वारा अनुशंसित पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार की जाती हैं।
क्या सैनिक स्कूलों को दूसरे शिक्षा बोर्ड से संबद्ध किया जा सकता है: रक्षा मंत्रालय की स्थायी समिति ने अपनी 24वीं रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है। रक्षा मंत्रालय के अधीन संचालित सभी सैनिक स्कूल अभी सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध हैं। ये स्कूल देश के विभिन्न राज्यों में हैं। स्थायी समिति ने रक्षा मंत्रालय को कहा कि हालांकि सीबीएसई स्कूलों से संबद्धता को लेकर किसी प्रकार की कोई शिकायत सामने नहीं आई है, लेकिन सरकार एक अध्ययन कराए ताकि दूसरे शिक्षा बोर्डों का भी आकलन हो सके। इससे यह संभावनाएं तलाशी जा सकें कि क्या उन्हें दूसरे शिक्षा बोर्ड से संबद्ध किया जा सकता है।
राज्य देते हैं ये दलीलें
मेडिकल में प्रवेश के लिए नीट उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इसी प्रकार जेईई के जरिये देशभर में इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले होते हैं। देश में करीब-करीब सभी बड़े राज्यों के अपने शिक्षा बोर्ड हैं। वह इस बात को कहते रहते हैं कि इन राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में उनके बच्चे पिछड़ जाते हैं।
एक समान सिलेबस के लिए सीबीएसई
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने जवाब दिया कि सैनिक स्कूल आवासीय स्कूल हैं, जो निजी स्कूलों की तर्ज पर चलाए जाते हैं। सैनिक स्कूलों के नियमों के तहत इनमें एक समान सिलेबस होना चाहिए। इसलिए इन्हें सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध किया गया है। सरकार ने कहा कि जेईई व नीट जैसी सभी प्रमुख राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं भी सीबीएसई द्वारा अनुशंसित पाठ्यक्रम के अनुसार ही आयोजित की जाती हैं। इसलिए सभी सैनिक स्कूलों में एकरूपता बनाए रखने तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के समान सिलेबस को देखते हुए यही बेहतर है कि उन्हें सीबीएसई से ही संबद्ध रखा जाए।