प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि कानून संशोधित होने से पहले दिए गए अदालती फैसले के आधार पर लाभ नहीं दिया जा सकता। खाली पद पर नियमानुसार कानून के तहत की गई नियुक्ति ही मान्य है। कोर्ट ने कहा कि समय से नियमित नहीं करना वरिष्ठता व अन्य सेवा परिलाभों से वंचित करना है, सरकार ‘पिक एंड चूज’ नहीं कर सकती। सेवा नियमितीकरण नियमावली के लाभ से किसी को वंचित नहीं किया जा सकता। अदालत ने लघु सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर को ललितपुर से सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता राजबहादुर को सेवानिवृत्ति परिलाभों सहित पेंशन भुगतान पर निर्णय लेने और सेवा जनित परिलाभों का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
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