वाराणसी : धर्म गुरु पद के लिए भारतीय सेना संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की शास्त्री की डिग्री को स्नातक के समकक्ष नहीं मान रही है। सेना भर्ती महानिदेशालय बी (ए) की ओर से जारी योग्यता निर्धारण की सूची से देश के सभी संस्कृत विश्वविद्यालयों के छात्रों को बाहर कर दिया है।
प्रकरण को कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने बुधवार को जूम एप पर देश के 18 संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की आनलाइन बैठक बुलाई थी। इस दौरान कुलपति ने कहा कि रक्षा मंत्रलय की ओर से जारी योग्यता सूची में बेंगलुरु, चेन्नई, दानापुर, जबलपुर, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, पुणो, शिलांग, नेपाल, दिल्ली सहित अन्य जोनों के माध्यमिक विद्यालयों के नाम हैं। वहीं, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मध्यमा स्तर का नाम गोल है, जबकि विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के अन्य राज्यों में अब भी मध्यमा स्तर की परीक्षा कराता है। हाईस्कूल का सर्टिफिकेट पूर्व मध्यमा व इंटर का उत्तर मध्यमा के नाम पर अंकपत्र व प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। बताया बुधवार को इस आशय का (भर्ती बोर्ड) सेना के महानिदेशक को एक पत्र प्रेषित किया जा रहा है जिससे कि सेना द्वारा अपने अध्यादेश मे संशोधन कर सभी संस्कृत विश्वविद्यालयों सहित काशी हंिदूू विश्वविद्यालय, वाराणसी के विद्या धर्म दर्शन संकाय की शास्त्री उपाधि को भी विज्ञापन मे शामिल किया जाए। इसे देखते हुए सेना के महानिदेशक को एक पत्र भेजा गया है।
’>>मध्यमा स्तर का नाम भी गायब, कुलपति ने लिखा पत्र
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