प्रयागराज : चुनावी माहौल के बीच विकास भवन में इन दिनों गहमागहमी बढ़ गई है। चुनाव ड्यूटी से नाम हटवाने के लिए सैकड़ों कर्मचारी अपना लेकर चक्कर काट रहे हैं। चुनावी ड्यूटी में शामिल चार हजार से अधिक कर्मचारियों ने आवेदन कर बताया है कि उनकी तबीयत बिगड़ गई है।
अपनी फाइल मजबूत करने के लिए ज्यादातर कर्मचारियों ने पुरानी बीमारियों के डॉक्युमेंट भी निकाल लिए हैं। बृहस्पतिवार को दो दिव्यांग कर्मचारी व्हील चेयर से विकास भवन पहुंचे थे। खास यह कि कई कर्मचारियों ने तो तीन-तीन बार आवेदन कर रखा है।
चुनाव में 25 हजार से अधिक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें से हर चार में से एक कर्मचारी ने ड्यूटी से नाम कटवाने की अर्जी दी है। इसके लिए विकास भवन के सरस सभागार के बाहर तो लंबी लाइन लग ही रही है, ईमेल तथा अन्य माध्यम से भी कई लोगों ने नाम कटवाने के लिए आवेदन किया है।
बृहस्पतिवार को धीरेंद्र अपनी पत्नी का नाम चुनावी ड्यूटी से कटवाने के लिए पहुंचे थे। उनका कहना था कि उनकी पत्नी के कमर और गर्दन में दर्द रहता है। इससे वह लंबे समय से पीड़ित हैं और इसका इलाज भी चल रहा है। इसी तरह से वहां एक अन्य कर्मचारी वैभव ने आंख की रोशनी कम होने के आधार पर चुनावी ड्यूटी से छुट्टी मांगी है। कई महिला कर्मचारी अपने छोटे बच्चे को भी लेकर भी विकास भवन पहुंची थीं। ताकि, छुट्टी मिलने का आधार मजबूत हो सके।
सीडीओ शिपू गिरि का कहना है कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने दो से तीन बार आवेदन किए हैं। इसलिए आवेदन की सही संख्या के बारे में बता पाना कठिन है। अनुमान है कि 1500 कर्मचारियों ने अलग-अलग वजह बताते हुए चुनावी ड्यूटी से छुट्टी मांगी है। उनके आवेदन की जांच एवं सत्यापन के आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं
अब तक 600 को दी गई छुट्टीचुनावी ड्यूटी से अभी तक 600 कर्मचारियोें के नाम काटे गए हैं। सीडीओ का कहना है कि मेडिकल टीम से जांच कराने के बाद बीमार कर्मचारियों की ड्यूटी काटी गई है। इनके अलावा दिव्यांग, गर्भवती महिला कर्मचारियों को भी चुनावी ड्यूटी से छुट्टी दी गई है।
चिंतित प्रशासन ने कर्मचारियों का ही लिया सहाराचुनावी ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आने से प्रशासन की भी चिंता भी बढ़ गई है। प्रशासन ने इनके खिलाफ कार्रवाई की तो तैयारी की ही है, ड्यूटी के लिए प्रेरित करने की भी योजना बनाई गई है। इसके लिए ड्यूटी में शामिल कर्मचारियों की ही मदद ली जा रही है। चुनिंदा लोग अपना अनुभव साझा करते हुए अन्य कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
इसी क्रम में प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन कृष्ण कुमार यादव, लता, सुमन सिह, जया कुशवाहा, अरविंद सिंह, रमेश चंद्र शुक्ल आदि ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस पर्व में उनके परिवार के लोग भी मदद कर रहे हैं। महिला कर्मचारियों का कहना था कि उनके परिवार वाले भी साथ में मतदान स्थल तक जाएंगे।मतदान कर्मी नहीं बता पाए कैसे सील होगा ईवीएम
मतदान कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को गंभीरता से न लेने की वजह से भी प्रशासन की चुनौती बढ़ गई है। डीएम संजय कुमार खत्री ने बृहस्पतिवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम के निरीक्षण के दौरान यह लापरवाही पकड़ी।
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कर्मचारियों से डीएम ने मतदान की प्रक्रिया के बारे में पूछा लेकिन उनमें से कई को इसकी जानकारी नहीं थी। कई कर्मचारी तो यह भी नहीं बता पाए कि ईवीएम कैसे सील की जाएगी। जबकि, कर्मचारी पहले चरण का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। इससे नाराज डीएम ने कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब किया है। उन्होंने मास्टर ट्रेनर तथा कर्मचारियों को दोबारा प्रशिक्षण दिए जाने का भी निर्देश दिया।
इसी क्रम में डीपीआरओ आलोक कुमार सिन्हा ने सहायक पंचायत अधिकारी धर्मेंद्र कुमार दुबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बिशप जॉनसन एवं मेरी लूकस गर्ल्स इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहले दिन बृहस्पतिवार को कुल 4800 कर्मचारियों को बुलाया गया था। इनमें से 136 कर्मचारी अनुपस्थित रहे।