गोरखपुर : जिला निर्वाचन अधिकारी विजय किरन आनंद ने कहा कि जिले में शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन संपन्न कराने के लिए सभी अधिकारी पूरे मनोयोग से जुट जाएं। निर्वाचन कार्यो में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी बुधवार को एनेक्सी भवन सभागार में रिटर्निग आफिसर (आरओ) व नोडल अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्वाचन से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में स्टेटिकल सर्विलांस टीम (एसएसटी) एवं फ्लाइंग स्क्वायड टीम (एफएसटी) की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्हें बेहतर प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों का दोबारा निरीक्षण करा लिया जाए।
निरीक्षण में बूथ पर आधारभूत सुविधाओं में यदि किसी प्रकार की कमी नजर आए तो उसे तत्काल ठीक कराया जाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार 80 साल से ऊपर व दिव्यांग मतदाताओं को पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा देने के लिए आवश्यक फार्म समय से उपलब्ध करा दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी मतदान कार्मिकों का प्रशिक्षण अच्छे से कराया जाए। उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम चुनाव को देखते हुए प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही भी करें।
मतदान केंद्रों पर करें व्हील चेयर की व्यवस्था :
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर व्हील चेयर की व्यवस्था कर ली जाए। नोडल अधिकारियों के कार्यो की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि मतदान कार्मिकों को मतदान केंद्रों तक ले जाने के लिए अच्छे वाहनों की व्यवस्था की जाए। किसी भी दशा में मतदान पार्टी ट्रक में नहीं भेजी जाएगी।
स्वीप अभियान की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि मतदाता जागरूकता के लिए अभियान चलाया जाए। मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए युवाओं को भी प्रेरित किया जाए कि वे अपने स्वजन को मतदान के लिए जागरूक करें।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : विधानसभा चुनाव 2022 पर नजर रखने के लिए जिले में 13 प्रेक्षक तैनात किए जा रहे हैं। इनमें से सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक सामान्य प्रेक्षक होंगे। तीन अधिकारियों की तैनाती व्यय प्रेक्षकों के रूप में होगी। तीन विधानसभा क्षेत्र पर एक व्यय पर्यवेक्षक तैनात होंगे। व्यय प्रेक्षक शुक्रवार को गोरखपुर पहुंचेंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि 11 फरवरी तक सभी सामान्य प्रेक्षक भी आ जाएंगे। इनके अलावा एक सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता (स्वीप) के प्रेक्षक भी तैनात किया गए हैं। इनका काम मतदाता जागरूकता संबंधी कार्यक्रमों की निगरानी करना है। नामांकन के साथ ही संबंधित प्रत्याशियों के खातों में चुनावी खर्च जुड़ने लगेगा। व्यय प्रेक्षकों का काम इन खचरें की निगरानी करना और रिपोर्ट बनाना है। चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी अधिकतम 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकेगा। सभी प्रत्याशियों को अपने खर्च का हिसाब रखने के लिए एक रजिस्टर बनाना होगा और रोजाना के खचरें का ब्यौरा व्यय प्रेक्षक को देना होगा। हर विधानसभा के लिए तैनात सामान्य प्रेक्षक आचार संहिता का पालन कराने के साथ ही मतदान और मतगणना की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे, और रिपोर्ट सीधे निर्वाचन आयोग को सौपेंगे।
’>>कल गोरखपुर आ सकते हैं तीन व्यय प्रेक्षक
’>>हर विधानसभा क्षेत्र में भी तैनात होंगे प्रेक्षक