बदायूं। बृहस्पतिवार को एक मैरिज लॉन में सपा नेताओं के साथ शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की सभा के मामले में बीएसए ने भी जांच शुरू करा दी है। वीडियो फुटेज की प्रारंभिक जांच के बाद ऐसे 56 शिक्षामित्रों, अनुदेशक संघ के नेताओं के अलावा बेसिक शिक्षकों को चिह्नित किया गया है। इनका वेतन व मानदेय रोकने का निर्देश दिए गए है। इन लोगों पर निलंबन की तलवार भी लटक गई है।
बृहस्पतिवार को सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, बदायूं विधानसभा क्षेत्र के सपा प्रत्याशी हाजी रईस समेत कई सपा नेता एक मैरिज लॉन में शिक्षामित्रों, अनुदेशकों के अलावा शासकीय कार्य से जुड़े अन्य लोगों के साथ बैठक कर रहे थे। इस दौरान पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने छापा मारा था और कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराई थी। मौके पर चिह्नित किए 37 लोगों पर बृहस्पतिवार देर रात रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। शुक्रवार को प्रशासन के निर्देश पर बीएसए की टीम ने वीडियो फुुटेज के आधार पर शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों समेत 56 लोगों को चिह्नित किया। इन लोगों का नाम भी एफआईआर में बढ़ाया जाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह ने चिह्नित सभी लोगों का फिलहाल वेतन/ मानदेय को रोक दिया है। बीएसए ने बताया कि चिह्नित शिक्षकों को निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कार्यक्रम में दिखने वाले शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का नए सत्र के लिए नवीनीकरण भी नहीं होगा।
चुनाव ड्यूटी पर उठे सवाल
सपा नेताओं के साथ मौजूद रहे शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की चुनाव ड्यूटी पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल है कि यह लोग निष्पक्ष तरीके से ड्यूटी आखिर कैसे कर करेंगे। यह और बात है कि बीएसए ने इस तरह की आशंका को खारिज किया है।
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बीएसए के निर्देश हवा में उड़ाए
बीएसए डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह ने चार दिन पहले ही सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों को निर्देशित किया था कि वे किसी भी पार्टी की बैठक में शामिल नहीं होंगे। बावजूद इसके इन लोगों ने राजनीतिक बैठक में भाग लिया।
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अपनों के निशाने पर थे सपा नेता, अब पुलिस की भी रडार पर
टिकट वितरण को लेकर सपा के दिग्गज नेता अब तक पार्टी नेताओं व करीबियों के निशाने पर थे। अब यह पुलिस प्रशासन के रडार पर भी आ गए हैं। मैरिज लॉन मामले में रिपोर्ट होने के बाद पुलिस विवेचना में धाराएं बढ़ा सकती है। सभा में शामिल कई नेताओं के नाम बढ़ाने की भी तैयारी है। इसके लिए प्रारंभिक तौर पर पुलिस भी वीडियो का परीक्षण कराएगी और नेताओं की तस्दीक को जानकारों की मदद लेगी। यहां बता दें होशियारी दिखाते हुए कई लोगों ने वीडियोग्राफी के दौरान अपने चेहरों पर मास्क चढ़ा लिया था पर कद काठी व अन्य चीजों से उनकी पहचान होनी है। एसपी सिटी प्रवीन सिंह चौहान ने बताया कि फुटेज की जांच से ही आरोपियों की सही पुष्टि की जा सकेगी। विवेचना में यह काफी महत्वपूर्ण तथ्य है।