इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी बार कौंसिल को आदेश के अनुपालन में दो साल से बाधा डाल रहे आजमगढ़ की बुढनपुर तहसील के वकीलों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह इसलिए जरूरी है ताकि उच्च न्यायालय के 10 जनवरी 2020 के आदेश का अनुपालन हो सके।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने आजमगढ़ के ओमप्रकाश की अवमानना याचिका पर दिया है। अवमानना याचिका में बुढनपुर के तहसीलदार शक्ति सिंह के खिलाफ अदालत के आदेश का अनुपालन न करने पर अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की गई थी। कहा गया था कि 10 जनवरी 2020 को हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी तहसीलदार ने यूपी रेवेन्यू कोड के तहत दाखिल वाद का निस्तारण नहीं किया।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आर्डर शीट व पत्रावली के अवलोकन से पाया कि बुढ़नपुर में 70-75 वकील रोजाना हड़ताल कर रहे हैं। वे न्यायिक कार्य नहीं होने देते। कोर्ट ने पाया कि वकील पांच फरवरी 2020 से पांच जनवरी 2022 तक लगातार न्यायिक कार्य में बाधा उत्पन्न करते रहे। वकील वहां तहसीलदार का विरोध कर रहे हैं और न्यायिक कार्य में बाधा डाल रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में तहसीलदार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही नहीं की जा सकती। साथ ही आदेश दिया है कि तहसीलदार चार माह में हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन याची की व्यक्तिगत सुनवाई करते हुए करें। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि वकील इस काम में बाधा डालते हैं तो अधिकारी पुलिस बल की सहायता लें।