नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में बजट पेश किया। इसमें अर्थव्यवस्था को मजबूती देने से लेकर बुनियादी ढांचे में डिजिटल स्वरूप को तरजीह दिया गया है। डिजिटल तकनीक की ओर कदम बढ़ाने का संदेश देते हुए वित्तमंत्री ने टेबलेट पर बजट भाषण पढ़ा। प्रस्तुत है बजट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से दैनिक जागरण के राजीव कुमार के साथ बातचीत के प्रमुख अंश….
प्रश्न: बजट में किसान, एमएसएमई, पूंजीगत खर्च के लिए घोषणाएं हुई, मिडिल क्लास के लिए सीधे तौर पर कोई घोषणा नहीं की गई है…
उत्तर: क्या किसान का परिवार मिडिल क्लास में नहीं आता है, क्या एमएसएमई से जुड़ा व्यक्ति मिडिल क्लास में नहीं आता है, स्टार्टअप्स शुरू करने वाला मिडिल क्लास नहीं है। ये सभी मिडिल क्लास है। सभी सेक्टर में मिडिल क्लास है। ई-पासपोर्ट की सुविधा से क्या मिडिल क्लास को लाभ नहीं मिलेगा।
प्रश्न : डिजिटल संपदा या क्रिप्टोकरेंसी पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा तो क्या क्रिप्टो को वैध मान लिया जाए…
उत्तर: क्रिप्टो वैध है या अवैध, इस पर विचार किया जा रहा है, स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार किया जा रहा है और सलाह की प्रक्रिया पूरा होने के बाद ही इसकी वैधता पर कुछ स्पष्टीकरण आएगा। लेकिन अभी इस पर टैक्स लगाने का यह मतलब नहीं है कि क्रिप्टो को वैध मान लिया गया। चूंकि ट्रांजेक्शन हो रहा है, इसलिए टैक्स लगाया गया। टैक्स लगाने से यह नहीं समझना चाहिए कि उसे वैधानिकता मिल गई। जहां तक करेंसी जारी करने का सवाल है तो करेंसी कोई अथॉरिटी ही जारी कर सकती है। जैसे कि आरबीआई डिजिटल करेंसी जारी करेगा। लेकिन उसके बाहर जो हो रहा है, उसके लिए नियामक लाए जाएंगे, इसकी प्रक्रिया चल रही है। लेकिन अभी मान लीजिए किसी निवेशक को क्रिप्टो में निवेश के दौरान कोई विवाद होता है तो उसे कोर्ट की शरण में जाना होगा।
प्रश्न: रोजगार को लेकर अलग से कोई घोषणा नहीं की गई है
उत्तर: सभी को अपनी क्षमता के हिसाब से नौकरी मिलती है। क्षमता बढ़ाने के लिए हम स्किल डेवलपमेंट कर रहे हैं। एमएसएमई सेक्टर को मदद दी जा रही है। संपर्क वाले क्षेत्र को मदद की घोषणा की गई है। रक्षा के क्षेत्र में मेक इन इंडिया लाया जा रहा है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा दिया गया है। इन सभी सेक्टर में रोजगार निकलेंगे। सभी रोजगारपरक क्षेत्र है।
प्रश्न: पिछले बजट में विनिवेश को लेकर 1.75 लाख करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, इस साल ऐसा नहीं हुआ
उत्तर: विनिवेश को लेकर पिछले साल बजट में जिस नीति की घोषणा की गई थी, आगामी वित्त वर्ष में उसका ही अनुसरण किया जाएगा।
प्रश्न: बजट में किसानों के लिए कई घोषणाएं की गई, इससे किसानों की आय को दोगुना करने में कितनी मदद मिलेगी
उत्तर: किसानों की आय को दोगुना करने के लिए पहले ही कई घोषणाएं हो चुकी हैं। इनमें एमएसपी में बढ़ोतरी, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत किसानों के खाते में पैसे भेजना, यूरिया के दाम को नियंत्रित रखना, मधु पालन को प्रोत्साहन देना, सोलर पंप स्कीम, अन्नदाता सोलर एनर्जी स्कीम, खाद्य प्रसंस्करण के तहत खाद्य पदार्थों में वैल्यू एडीशन जैसे कई कदम किसानों की आय को दोगुना करने के लिए पहले ही उठाए जा चुके हैं।
प्रश्न: राज्यों को पूंजीगत खर्च के लिए एक लाख करोड़ रुपए दिए गए, इसका क्या उद्देश्य है…
उत्तर: पीएम गतिशक्ति कार्यक्रम के तहत कई ऐसी परियोजनाएं हैं जिसे पूरा करने में इस आवंटन का उपयोग किया जाएगा। मेरा मानना है कि राज्य पूंजीगत खर्च को लेकर काफी सकारात्मक है और मैं समझती हूं कि एक लाख करोड़ रुपए का इस्तेमाल अच्छे से हो जाएगा। उदाहरण के लिए उत्तर पूर्व के राज्य में रोपवे लाया जाएगा। ग्रीन एनर्जी का प्रोजेक्ट लाया जा रहा है। इन सब पर खर्च होंगे।