लखनऊ।
विधान सभा निर्वाचन 2022 की ड्यूटी में लगे 17 हजार कर्मचारी शिक्षकों के मतदान पर संकट आ सकता है।
ड्यूटी में लगे शिक्षक और कर्मचारियों को पहले प्रशिक्षण के साथ ही पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग करना था। जिसमें बाद में संशोधन कर प्रशिक्षण के बाद की तारीख मतदान के लिए दी गई है। मतदान तिथि में संशोधन होने पर अब कर्मचारियों को सिर्फ मदतान देने के लिए अपने प्रशिक्षण स्थान पर दोबारा आना होगा। जिसको लेकर कर्मचारियों और शिक्षको में रोष व्याप्त है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान ही मतदान होता सभी मतदान कर सकते थे। लेकिन मतदान कार्यक्रम में संशोधन होने के बाद निश्चित रूप से मतदान पर संकट आ सकता है। क्योंकि 60 से 80 किलोमीटर दूर से प्रशिक्षण में कर्मचारी और शिक्षक शामिल हो रहे हैं। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद बहुत मुश्किल है कि कर्मचारी मतदान के लिए दोबारा पंहुचे।
ड्यूटी में लगे शिक्षक और कर्मचारियों को पहले प्रशिक्षण के साथ ही पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग करना था। जिसमें बाद में संशोधन कर प्रशिक्षण के बाद की तारीख मतदान के लिए दी गई है। मतदान तिथि में संशोधन होने पर अब कर्मचारियों को सिर्फ मदतान देने के लिए अपने प्रशिक्षण स्थान पर दोबारा आना होगा। जिसको लेकर कर्मचारियों और शिक्षको में रोष व्याप्त है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान ही मतदान होता सभी मतदान कर सकते थे। लेकिन मतदान कार्यक्रम में संशोधन होने के बाद निश्चित रूप से मतदान पर संकट आ सकता है। क्योंकि 60 से 80 किलोमीटर दूर से प्रशिक्षण में कर्मचारी और शिक्षक शामिल हो रहे हैं। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद बहुत मुश्किल है कि कर्मचारी मतदान के लिए दोबारा पंहुचे।