सर्दी गुजर गई, लेकिन अभी भी 15 फीसदी से ज्यादा परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को स्वेटर नसीब नहीं हो सके, क्योंकि उनके अभिभावकों के बैंक खातों में धनराशि नहीं पहुंची है। अभिभावकों का कहना है कि उनके बैंक खाते में शासन से धनराशि नहीं पहुंच पाई है। इस वजह से स्वेटर नहीं खरीद पाए। जिले में तकरीबन 2 लाख 84 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, जिनमें दो लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में धनराशि पहुंच गई है। बाकी अभी धनराशि का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि विद्यार्थियों के अभिभावकों का आधार नंबर बैंक खाते से लिंक न होने के कारण अभिभावकों के खातों में धनराशि नहीं पहुंच पाई है।
शासन ने नियम में किए बदलाव
तमाम शिकायतों के बाद शासन ने नियम में बदलाव किए। शासन ने डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से अभिभावकों के खातों में धनराशि भेजने की व्यवस्था की। हर विद्यार्थी के अभिभावक के बैंक खाते में 1100 रुपये आएंगे। इस धनराशि से अभिभावकों को 600 रुपये की ड्रेस, 200 रुपये का स्वेटर, जूते, मोजे, स्कूल बैग खरीदने हाेंगे।
पहले यह था नियम
बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी को शासन की तरफ से दो जोड़ी ड्रेस, एक जोड़ी जूता, स्वेटर, मोजे, स्कूल बैग दिया जाता था। करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद विद्यार्थियों की इन चीजों के न मिलने की शिकायतें सामने आती थीं।
एक नजर में बेसिक शिक्षा विभाग
-1386 प्राथमिक विद्यालय
-354 उच्च प्राथमिक विद्यालय
-375 कंपोजिट विद्यालय
-2 लाख 84 हजार विद्यार्थी (लगभग)
-6820 शिक्षक
-2510 शिक्षामित्र
-246 अनुदेशक
धनराशि मिली, स्वेटर नहीं खरीदा
शासन ने बच्चों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी, लेकिन उन्होंने बच्चों के लिए स्वेटर नहीं खरीदा। अभिभावक काशी, राजा, आशीष, सचिन सहित अन्य बताया कि उन्हें समय नहीं मिल पाया। इसलिए स्वेटर नहीं खरीद पाए। इस संबंध में शिक्षाविद् डॉ. रक्षपाल सिंह का कहना है कि जिन अभिभावकों के खातों में धनराशि आ गई है और उनके बच्चे बिना स्वेटर के आ रहे हैं, तो उनके अभिभावकों से शिक्षकों को बात करनी चाहिए थी। वास्तव में उनके पास समय नहीं था या कोई मजबूरी थी।
वर्जन
मेरे बैंक खाते में धनराशि नहीं आई है। मेरा बेटा कक्षा पांच में पढ़ता है। धनराशि न आने पर अपने बच्चे के लिए स्वेटर और ड्रेस खरीद नहीं पाई।
-सुमन देवी, मां
प्राथमिक विद्यालय जलालपुर में मेरी बेटी कक्षा दो में पढ़ती है। अभी तक मेरे खाते में धनराशि नहीं आई। इस वजह से स्वेटर आदि नहीं खरीद सका।
-जयवीर सिंह, पिता
मेरा बेटा कंपोजिट विद्यालय लेखराजपुर में कक्षा पांच में पढ़ रहा है। अभी तक कोई भी धन मेरे खाते में नहीं आया है। इसलिए ड्रेस खरीद नहीं पाई।
-रेखा देवी, मां
मेरी बेटी प्राथमिक विद्यालय लेखराजपुर में कक्षा चार में पढ़ती है। उसके लिए मैं स्वेटर नहीं खरीद पाया हूं। धन नहीं आया है।
-साहब सिंह, पिता
जिले के कई विद्यालयों के काफी विद्यार्थियों के अभिभावकों के आधार उनके बैंक खाते से लिंक न होने से ड्रेस, स्वेटर आदि की धनराशि उनके खातों में नहीं पहुंच पाई है। करीब 10-15 फीसदी बच्चों को स्वेटर नहीं मिल पाए।
-मुकेश कुमार सिंह, जिला मंत्री, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ
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पहले व दूसरे चरण में विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी जा चुकी है। जो रह गए हैं, उन्हें अंतिम चरण में धनराशि मिल जाएगी। वह चिंतित न हों।
-सतेंद्र कुमार, बीएसए, अलीगढ़