वाराणसी : कोविड-19 महामारी में अभिभावक (माता या पिता) को खो चुके छात्रों की शिक्षा में व्यवधान दूर करने की काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने पहल की है। ऐसे छात्रों को विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण केंद्र के माध्यम से प्रतिवर्ष 12 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। छात्रवृत्ति योजना का यह लाभ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार से आने वाले छात्रों को भी दिया जाएगा।
इस आशय का निर्णय केंद्रीय कार्यालय के समिति कक्ष में हुई विश्वविद्यालय की उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया है। छात्र अधिष्ठाता प्रो. केके सिंह ने बताया कि बैठक में कुलपति के इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। तय किया गया कि इस योजना के तहत प्रतिवर्ष 1000 नए छात्रों का चयन किया जाएगा। इस मद में धन की व्यवस्था विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र कल्याण केंद्र के माध्यम से करेगा। इसके लिए केंद्र वर्तमान वित्तीय सत्र में 1.20 करोड़ की व्यवस्था करेगा। गरीब छात्रों को अध्ययन में कोई बाधा न आए, इसके लिए भी बीएचयू प्रशासन ने उनकी सुधि ली है। विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसे छात्रों के आवेदन पर विचार कर उन्हें 12 हजार रुपये वार्षिक ऋण भी उपलब्ध कराएगा। शिक्षा पूरी करने के बाद छात्र को आसान किस्तों में इस ऋण को विश्वविद्यालय को वापस करना होगा। छात्रवृत्ति या ऋण अनुमोदन पर विचार के लिए आवेदन पत्र पर संकाय के दो शिक्षकों की अनुशंसा होना आवश्यक है।
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