यूपीटीईटी की अनन्तिम उत्तरकुंजी से भी ‘आंखों की किरकिरी’ दूर नहीं हुई है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से गुरुवार को जारी उत्तरकुंजी में प्रारंभिक स्तर की परीक्षा के बुकलेट बी में हिन्दी विषय के प्रश्नसंख्या 50 में पूछा था- ‘आंख की किरकिरी होना’ का अर्थ है। इसके चार विकल्प ‘अप्रिय लगना’, ‘धोखा देना’, ‘कष्टदायक होना’ और ‘बहुत प्रिय होना’ दिया था। अनन्तिम उत्तरकुंजी ( प्रोविजनल आंसर-की ) में सही जवाब अप्रिय लगना माना गया है। मजे की बात है कि यही सवाल 2017 की टीईटी भी पूछा गया था। उस समय अभ्यर्थियों ने विकल्प पर आपत्ति की थी। मामला हाईकोर्ट में गया जहां दोनों उत्तर ‘प्रिय लगना’ और ‘कष्टदायक होना’ सही माने गए थे। ऐसे में साफ हो गया है कि 2021 की टीईटी में पूछे गए इस प्रश्न पर फिर आपत्ति होना तय है।
सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी के अनुसार अभ्यर्थी 28 जनवरी से एक फरवरी तक वेबसाइट पर ऑनलाइन आपत्ति कर सकते हैं। इसके लिए प्रति प्रश्न 500 रुपये देने होंगे। विषय विशेषज्ञों द्वारा आपत्ति सही पाए जाने पर अभ्यर्थी को फीस की राशि वापस कर दी जाएगी। विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर संशोधित की गई उत्तरमाला के सापेक्ष किसी प्रश्न पर आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी। ऑनलाइन आपत्ति दर्ज कराने में किसी भी प्रकार के साक्ष्य या अभिलेख वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए जाएंगे। अभ्यर्थी साक्ष्य के रूप में बुक रिफरेंस का नाम एवं संदर्भित पृष्ठ संख्या प्रश्न के सामने रिमार्क विकल्प पर अंकित कर सकते हैं। निस्तारण 21 फरवरी तक करते हुए 23 फरवरी को अंतिम उत्तरकुंजी जारी की जाएगी और 25 फरवरी को परिणाम घोषित होगा।