विधानसभा चुनाव के बीच पुरानी बनाम नई पेंशन का मुद्दा फिर गरमा गया है। विभिन्न कर्मचारी संगठनों की पेंशन से संबंधित शिकायतों के मद्देनजर मुख्य सचिव ने कार्मिक एवं वित्त विभाग के अफसरों के साथ शुक्रवार को समीक्षा बैठक के सफाई दी है। इसे लेकर व्हाट्सएप ग्रुपों और फेसबुक आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शिक्षक और कर्मचारी मुखर हो गए हैं। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के पक्ष में किसी भी तरह के तर्क सुनने को कर्मचारी तैयार नहीं है।
सेवानिवृत्त शिक्षक एवं पूर्व जिला पूर्व समन्वयक एपी मिश्र ने एक ग्रुप पर लिखा कि पुरानी पेंशन के अंतर्गत यदि पेंशन 17,250 है तो कर्मचारी को मूल पेंशन 28,750 पर समय-समय पर अनुमन्य महंगाई राहत जोड़कर मिलेगी। यानि वर्ममान में अनुमन्य 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता 8912 जोड़कर 26163 रुपये बनते हैं पर एनपीएस में 19,569 पेंशन ही मिलेगी। एनपीएस पर महंगाई राहत नहीं मिलेगी। शिक्षक अनुराग पांडेय ने लिखा कि नई पेंशन यदि अच्छी है तो 2005 के पहले वाले अधिकारी-कर्मचारी पुरानी पेंशन क्यों ले रहे हैं।