रायबरेली। जिले के परिषदीय स्कूलों में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए अब पंजाब का फोर्टिफाइड चावल खिलाया जाएगा।
मध्याह्न भोजन में इस चावल को शामिल करने के लिए पंजाब से 14 हजार मीट्रिक टन खेप जिले में आ गई है। चावल ब्लॉक गोदामों में पहुंचाया जा रहा है। कोटेदारों के माध्यम से यह चावल स्कूलों तक पहुंचेगा।
परिषदीय स्कूलों में बच्चों को पका-पकाया भोजन दोपहर में परोसा जा रहा है। मेन्यू के हिसाब से एमडीएम बनवाया जाता है। अब तक सामान्य चावल का प्रयोग एमडीएम की तहरी व अन्य भोजन में किया जाता था।
बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए इस बार पंजाब में तैयार किया गया फोर्टिफाइड चावल से एमडीएम में बनवाया जाएगा। एमडीएम के लिए जिले को 14 हजार मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल मिला है।
चावल को जिला मुख्यालय से ब्लॉक गोदामों पर पहुंचाया जा रहा है। यहां से कोटेदारों के माध्यम से सभी गांवों के परिषदीय स्कूलों में यह चावल एमडीएम में प्रयोग के लिए पहुंचेगा। इसके लिए डीएसओ ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
क्या होता है फोर्टिफाइड चावल
क्षेत्रीय अधिकारी अनिल कुमार का कहना है कि फोर्टिफाइड राइस का मतलब है, पोषणयुक्त चावल। इसमें आयरन, विटामिन बी, फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं। यानी इस चावल का सेवन करने वाले बच्चे कुपोषण का शिकार नहीं होंगे। यह चावल बच्चों के सेहत के लिए फायदेमंद है।
इस तरह से तैयार होता फोर्टिफाइड चावल
आपूर्ति निरीक्षक अविनाश पांडेय का कहना है कि फोर्टिफाइड चावल में जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व, विटामिन और खनिज की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है। जिस तरह साधारण समुद्री नमक में आयोडीन मिलाकर उसे आयोडाइज्ड बनाया जाता है।
चावल को फोर्टिफाइड बनाना भी इसी तरह की एक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में चावल की पोषण गुणवत्ता में सुधार लाया जाता है। चावल का फोर्टिफिकेशन, चावल में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने और चावल की पोषण गुणवत्ता में सुधार करने का बेहतरीन तरीका है।
परिषदीय स्कूलों में सामान्य चावल के सापेक्ष 15 प्रतिशत फोर्टिफाइड राइस से एमडीएम बनाया जाएगा। लोग इसे प्लास्टिक का चावल समझ रहे हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है, कि यह सबसे बेहतर पोषण युक्त चावल है। इसलिए अफवाह में न पड़ें। यह चावल बच्चों के लिए सेहतमंद है।
विमल शुक्ला, जिला पूर्ति अधिकारी