विधानसभा चुनाव में इस बार मतदाताओं को फोटो युक्त मतदातापर्ची नहीं मिलेगी। इसके स्थान पर मतदाताओं को मतदाता सूचना पर्ची दी जाएगी। यानी मतदान से पहले निर्वाचन आयोग की ओर से दी जाने वाली मतदाता पर्ची पर इस बार फोटो नहीं होगी। पर्ची पर नाम, मतदान केंद्र, भाग संख्या, वोटर लिस्ट की क्रम संख्या, मतदान की तारीख व समय समेत अन्य जानकारी दर्ज होंगी।
चुनावी प्रक्रिया में दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्लूडी) की भागीदारी को आसान व सक्रिय बनाने के लिए इस बार दृष्टिबाधित व्यक्तियों को ब्रेल में मतदाता सूचना पर्ची मिलेगी। आयोग ने दृष्टिबाधित व्यक्तियों को ब्रेल सुविधाओं के साथ मतदाता सूचना पर्ची जारी करने का निर्देश दिया है।
मतदान से पांच दिन पहले मिलेगी पर्ची
पांच दिन पहले मिलेगी मतदाता पर्ची
मतदान के कम से कम पांच दिन पहले मतदाताओं को मतदाता सूचना पर्ची वितरित की जाएगी। पर्ची पहुंचाने की जिम्मेदारी बीएलओ निभाएंगे। सभी वोटरों तक पर्ची पहुंचाएंगे।
पहचान का प्रमाण नहीं होगी मतदाता सूचना पर्ची
मतदाता सूचना पर्ची, मतदाताओं की पहचान का प्रमाण नहीं मानी जाएगी। यानी वोटर केवल मतदाता सूचना पर्ची के जरिए वोट नहीं डाल सकते हैं। मतदाता सूचना पर्ची के साथ वोटर को पहचान के प्रमाण के 11 विकल्पों में से एक का रखना अनिवार्य है। भारत निर्वाचन आयोग ने 2019 में ही फोटो मतदाता पर्ची को पहचान प्रमाण के रूप में मानना बंद कर दिया था।