लखनऊ : विधानसभा चुनाव के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को दोहरा उपहार देने का एलान किया है। कोरोना काल के विकट दौर में शानदार कार्य करने के लिए तीन लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को एक अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2022 यानी दो साल तक प्रतिमाह 500-500 रुपये व सहायिकाओं को 250 रुपये प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा। प्रोत्साहन भत्ते के समान धनराशि मानदेय के रूप में एक जनवरी, 2022 से बढ़ाई जा रही है। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का 2500, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का 2250 और सहायिकाओं का मानदेय प्रतिमाह 1250 रुपये तक बढ़ जाएगा।
योगी ने कहा कि मानदेय बढ़ोतरी के बाद प्रदेश सरकार सितंबर, 2021 से दिया जा रहा परफार्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 1,500 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 1,250 रुपये, सहायिका को 750 रुपये) व केंद्र सरकार की ओर से स्वीकृत पीएलआइ (आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 500-500 रुपये, सहायिका को 250 रुपये) को जोड़ते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को कुल 8,000 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 6,500 रुपये व सहायिका को 4,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से शासनादेश जारी कर दिया गया है।
इंदिरा गांधी आडिटोरियम में सोमवार को आयोजित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले शासन की विफलताओं का ठीकरा इन महिलाओं के सिर फोड़ा जाता था, लेकिन हकीकत यह है कि इनकी कार्यकुशलता ने लोगों को स्वस्थ रखकर समाज में समृद्धि लाने में बेहतरीन योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि यूपी के कोविड प्रबंधन में सफलता ऐसे फ्रंटलाइन वर्कर्स की वजह से मिली है। अमेरिका के विज्ञानी यूपी के कोविड प्रबंधन पर अध्ययन कर रहे हैं, इसके लिए उन्हें निगरानी समितियों के कामकाज को देखना होगा, क्योंकि इन समितियों ने जीवन के साथ जीविका बचाई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 585 आंगनबाड़ी केंद्रों का शिलान्यास व 169 केंद्रों का लोकार्पण भी किया। समारोह में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, राज्यमंत्री स्वाती सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव बाल विकास अनीता सी मेश्रम आदि मौजूद रहे।
हर जिले में स्वयं सहायता समूह से बनवा रहे पोषाहार : योगी ने कहा कि बच्चों व गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले पोषाहार की गुणवत्ता व वितरण को लेकर 2017 से पहले शिकायत मिलती थी, इससे मातृ व शिशु मृत्युदर भी बढ़ रही थी। इस पर अंकुश लगाने के लिए हर जिले में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से पोषाहार बनवाने की शुरुआत की गई।
केंद्रों पर बच्चों को दी जाएगी बुनियादी शिक्षा : मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में लागू हुई है, इसके तहत तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों की बुनियादी शिक्षा अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जाएगी। इसके लिए केंद्रों का भवन निर्माण तेजी से हो रहा है। इसी वर्ष से बच्चों की बुनियादी पढ़ाई शुरू कराएंगे।
स्मार्टफोन से जुड़कर कराएं कार्य
योगी ने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं से विशेष लगाव है, वे लगातार आपसे संवाद करती रहती हैं और संवाद ही लोकतंत्र की ताकत है। कहा कि आप लोगों को तकनीक से जोड़ने के लिए स्मार्टफोन दिए गए। कहा-कुपोषितों, धात्री व बच्चों को लाभ दिलाने का डाटा इस पर संरक्षित करें।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रदेश के डेढ़ करोड़ कामगारों के बैंक खातों में 1500 करोड़ रुपये की धनराशि आनलाइन हस्तांतरित की। हर श्रमिक के बैंक खाते में 1000 रुपये भरण-पोषण भत्ते की पहली किस्त के तौर पर भेजे गए हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि वर्ष 2017 से पहले श्रमिक शोषण का शिकार होता था। उसे किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता था। पहले गरीबों का यही पैसा उन नेताओं के घरों को भरता था जिसे आज जेसीबी लगाकर नोटों की गड्डियों के रूप में निकाला ला रहा है। ये वही लोग हैं जो पहले गरीबों को लूटते थे, श्रमिकों के हितों पर डाका डालते थे और विकास में बाधा बनते थे।
सोमवार को लोक भवन सभागार में आयोजित भरण-पोषण भत्ता वितरण समारोह में मुख्यमंत्री ने मजदूरों को ‘राष्ट्र निर्माता’ और ‘नींव का पत्थर’ बताते हुए कहा कि केंद्र और प्रदेश में पहली बार श्रमिकों की चिंता करने वाली सरकारें आई हैं। योगी ने कहा कि प्रदेश वही है, प्रशासन भी वही है, लेकिन सरकार बदलने का नतीजा है कि यहां गरीबों-मजदूरों को रहने के लिए 43 लाख पक्के मकान, 2.61 करोड़ शौचालय, 1.43 करोड़ परिवारों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन, 1.56 करोड़ परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन, दो लाख रुपये तक की सामाजिक सुरक्षा और 6.6 करोड़ परिवारों को पांच लाख रुपये तक का निश्शुल्क स्वास्थ्य बीमा कवर मुहैया कराया गया है। उप्र पहला राज्य है जिसने कोरोना महामारी में मजदूरों को भरण-पोषण भत्ता दिया और मुफ्त राशन भी। कार्यक्रम को श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर में कोई मजदूर भुखमरी का शिकार न हो, इसलिए सरकार ने श्रमिकों को 2000 रुपये भरण-पोषण भत्ता देने का फैसला किया है। अब तक इस योजना से 3.81 करोड़ श्रमिक जुड़े हैं। इनमें से जिन डेढ़ करोड़ मजदूरों के बैंक खातों का सत्यापन हो गया है, उनके खातों में पहली किस्त के तौर पर 1000 रुपये भेजे गए हैं। सफाईकर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर बताते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें भी योजना से जोड़ने के लिए कहा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सात श्रमिकों को 1000 रुपये के चेक भी भेंट किए। कोरोना की पहली लहर के दौरान 40 लाख प्रवासी मजदूर उप्र आए थे। जिन राज्यों ने इन मजदूरों से र्दुव्यवहार किया, वहां उद्योग धंधे बंद हो गए जबकि श्रमिकों के आने से उप्र में नए उद्योग शुरू हो गए। योगी ने कहा कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ शिक्षा देने के लिए हर मंडल मुख्यालय पर अटल आवासीय विद्यालय बनाये जा रहे हैं। कोशिश है कि इन विद्यालयों में नए सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाए।
इस मौके पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, श्रम राज्य मंत्री मनोहर लाल कोरी, नगर विकास राज्य मंत्री महेश चंद्र गुप्ता, श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चंद्रा भी मौजूद थे।
’585 आंगनबाड़ी केंद्रों का शिलान्यास और 169 केंद्रों का लोकार्पण
’कहा, यूपी के कोविड प्रबंधन का अध्ययन करने वाले निगरानी समितियों को देखें
खुशखबरी
इस तरह बढ़ा मानदेय
नाम>>पहले>>अब
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता>>5500>>8000
मिनी आंगनबाड़ी>>4250>>6500
सहायिकाएं>>2750>>4000
ये किए गए सम्मानित
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 की निगरानी समिति में उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गोरखपुर की शमा परवीन, बाराबंकी कांती वर्मा व बुलंदशहर की कमलेश यादव को सम्मानित किया। संभव अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका बहराइच की नूरजहां, सीतापुर की सरोजनी देवी, देवरिया की संध्या सिंह, रेखा देवी, नीतू देवी, मिथिलेश कुमारी, लाची देवी, गीता, प्रीति देवी व बबिता को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ओमिक्रोन सिर्फ वायरल बुखार जैसा
मुख्यमंत्री ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को सामान्य बुखार जैसा बताया है। उन्होंने कहा कि मामले में ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए। दूसरी लहर की तुलना में ओमिक्रोन काफी कमजोर है, लेकिन सतर्कता और सावधानी किसी भी बीमारी में जरूरी होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक ओमिक्रोन के आठ मामले सामने आए हैं, इनमें तीन मामले निगेटिव हो गए हैं, बाकी होम आइसोलेशन में हैं। इसी तरह यूपी में कोविड के 2261 सक्रिय मामले हैं इनमें से 2100 से अधिक मरीज होम आइसोलेशन में हैं। महिलाओं से अपील किया कि वे प्रदेश के सभी लोगों को वैक्सीन का सुरक्षा कवच दिलवाने में योगदान दें।
’मुख्यमंत्री ने डेढ़ करोड़ मजदूरों के खातों में आनलाइन ट्रांसफर किए 1500 करोड़ रुपये
’भरण-पोषण भत्ते की पहली किस्त के तौर पर हर श्रमिक के खाते में भेजे 1000 रुपये