लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के तहत अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने के राज्य सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि 69 हजार पदों पर भर्ती के लिए 01 दिसंबर 2018 को जारी विज्ञापन से अधिक एक भी पद पर बिना विज्ञापन प्रकाशित किए भर्ती न की जाए। यह आदेश जस्टिस राजन राय की एकल पीठ ने भारती पटेल व पांच अन्य अभ्यर्थियों की याचिका पर पारित किया है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य सरकार तय करे कि इस मामले में क्या करना है, क्योंकि ये स्थिति उसी ने पैदा की है। किंतु ये स्पष्ट है कि उक्त विज्ञापन के क्रम में 69 हजार से अधिक अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की जा सकती है। मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी 2022 को होगी। गौरतलब है कि सहायक शिक्षक के 69 हजार पदों पर भर्ती के लिए 01 दिसंबर 2018 को विज्ञापन जारी किया गया था। इस भर्ती प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद आरक्षित श्रेणी के तमाम अभ्यर्थियों ने विरोध शुरू कर दिया था। उनका कहना था कि उन्हें मिले अंक सामान्य श्रेणी के कट-ऑफ से अधिक थे। लेकिन उनका चयन न करते हुए कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया।
कोर्ट के समक्ष महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह का कहना था कि सरकार ने मामले पर फिर से विचार करने के बाद 6800 अभ्यर्थियों के नाम वाली एक अतिरिक्त नई चयन सूची जारी करने का निर्णय लिया है, जो आरक्षित श्रेणी के लिए है।
वहीं कोर्ट ने अतिरिक्त नियुक्तियों पर रोक लगाने के साथ ही प्रमुख समाचार पत्रों में वर्तमान याचिका के बारे में प्रकाशित करने का निर्देश दिया है ताकि जिन अभ्यर्थियों का हित मामले में शामिल है, वे सुनवाई में अपनी बात रख सकें।