पीलीभीत: अभी तक किसानों के मुद्दे पर ट्वीटर के जरिए सरकार पर निशाना साधने वाले सांसद वरुण गांधी ने गुरुवार काे देश के बेरोजगार नौजवानों की समस्या को लेकर सरकार को घेरा है। साथ ही सांसद ने ये सवाल भी उठाया है कि आखिर भारत का नौजवान कब तक सब्र करे।
गुरुवार की सुबह सांसद वरुण गांधी ने ट्वीटर पर लिखा है कि पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो। परीक्षा दे दी तो सालोंसाल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद हो। रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतजार में हैं। सेना में भर्ती का भी वही हाल है। ऐसे में भारतीय नौजवान आखिर कब तक सब्र करे। सांसद वरुण गांधी ने इस ट्वीट के जरिए सिर्फ योगी सरकार ही नहीं, मोदी सरकार पर भी सीधा हमला बोला है।
क्योंकि रेलवे और सेना की भर्ती का मामला सीधे तौर पर केंद्र सरकार के अधीन है। विगत 28 नवंबर को यूपी टीईटी का पेपर लीक होने के चलते परीक्षा रद होने के मुद्दे पर भी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर इस मामले को लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया था। साथ ही ये भी लिखा था कि इस दलदल की छोटी मछलियों पर कार्रवाई करने से काम नहीं चलेगा। उनके राजनीतिक संरक्षक और शिक्षा माफिया पर सरकार को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। क्योंकि अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों के मालिक राजनीतिक रसूखदार हैं, इन पर कार्रवाई कब होगी।
सांसद ने अपने इस ट्वीट के साथ शिक्षा के महत्व को दर्शाने वाला एक वीडियो भी अपलोड किया था। जिसमें एंकर के सवाल पर राजमित्री ने कहा, हमको रोटी, कपड़ा, मकान नहीं चाहिए बल्कि शिक्षा चाहिए। अगर शिक्षा होगी तो ये सुविधाएं तो हम छीन लेंगे। गौरतलब है कि सांसद वरुण गांधी ने किसान आंदोलन के मामले पर भी लगातार ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है। विगत माह अपने संसदीय क्षेत्र के भ्रमण के दौरान सांसद ने पीलीभीत मंडी समिति में धान क्रय केंद्र का निरीक्षण के दौरान किसानों के समर्थन में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को भी पुरजोर तरीके से उठाया था। सांसद ने लखीमपुर हिंसा मामले पर भी कई बार ट्वीट किए। जिसमें मृतक किसानों को शहीद बताते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी पर भी कार्रवाई की मांग उठाई थी।