UPTET पेपर लीक प्रकरण:- अब मास्टरमाइंड राहुल के बैंक खातों की होगी जांच, करोड़ों रुपये के लेनदेन की मिली जानकारी, तेज की तलाश


प्रयागराज :सहायक अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का पेपर लीक मामले में वांछित चल रहे मास्टरमाइंड राहुल मिश्रा के बैंक खातों की भी जांच होगी। प्रारंभिक छानबीन में उसके पास कई बैंक खाते होने और उससे करोड़ों रुपये के लेनदेन की जानकारी मिली है। इसी आधार पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम अब बैंक अधिकारियों की मदद से उससे खातों की जांच करेगी। ताकि उसके आय के स्रोत का पता लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की जा सके।




राहुल मूलरूप से मेजा के उरुवा गांव का निवासी है। वह नोएडा में फ्लैट लेकर रहता है। उसका नैनी में आरोग्यम अस्पताल भी है। एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि राहुल बहुत ही शातिर दिमाग का है। जांच में यह भी पता चला है कि उसका कई प्रभावशाली व्यक्तियों से भी संपर्क है, जिसका लाभ वह गलत काम के लिए उठाता है। राहुल के साथ ही उसके मददगार साथी अनुराग की भी तलाश तेज कर दी गई है। आरोपितों के मोबाइल की लोकेशन उत्तर प्रदेश से बाहर बताई जा रही है। हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि राहुल का बिहार के साल्वर गैंग से भी संबंध है। ऐसे में वह बिहार भाग सकता है, लेकिन उसके करीबियों को उठाकर जानकारी जुटाई जा रही है। बुधवार को कौशांबी से वांछित चल रहे नोएडा के डाक्टर संतोष चौरसिया को एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था।


फिर उसे कौशांबी के चरवा थाने में दाखिल किया गया था। संतोष के बयान और मोबाइल की जांच के आधार पर अब राहुल, अनुराग सहित अन्य की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। एसटीएफ को राहुल की तरह संतोष के 12 से अधिक बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिसकी छानबीन की जा रही है। उसने नोएडा में भी एक खाता खोला था ।


व्हाट्सएप से होती थी बातचीत
एसटीएफ का कहना है कि राहुल, संतोष व गैंग के अन्य सदस्य वाटम समेत कई मोबाइल एप के जरिए बातचीत करते थे। पेपर लीक मामला पकड़े जाने की खबर लगते ही संतोष ने अपने व साथियों के मोबाइल फोन नष्ट करा दिए थे। पेपर लीक होने की जानकारी पुलिस तक पहुंचने की भनक लगते ही संतोष लखनऊ से भाग निकला था। इसके बाद वह फरीदाबाद, नैनीताल, इंदौर, इटावा व अन्य स्थानों पर छिपकर रह रहा था।

पेपर लीक प्रकरण में राहुल और उसके साथियों की तलाश चल रही है। उसके बैंक खातों की जांच कराई जाएगी, ताकि करोड़ों रुपये के लेनदेन की जानकारी की पुष्टि हो सके। - लाल प्रताप सिंह, सी.ओ एसटीएफ मुख्यालय