यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक है। इस महीने के बाद कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसे में राजस्व परिषद लेखपाल के 7882 पदों पर होने वाली भर्ती फंसती हुई नजर आ रही है। लेखपालों की भर्ती के लिए कंप्यूटर की जानकारी अनिवार्य कर दी गई है। इसके लिए लेखपाल भर्ती नियमावली में प्रावधान किया जाना है, लेकिन इसमें अभी तक व्यवस्था न हो पाने की वजह से भर्ती प्रक्रिया लटकी हुई है। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग इस संबंध में राजस्व परिषद को कई बार सूचित कर चुका है।
राजस्व परिषद ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को इन पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव भेजा था। इसमें पात्रता में कंप्यूटर की जानकारी के लिए ट्रिपल सी की अनिवार्यता संबंधी अर्हता का जिक्र नहीं किया गया था। आयोग ने राजस्व परिषद से इसको लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए संशोधित प्रस्ताव मांगा, लेकिन अभी तक उत्तर प्रदेश लेखपाल भर्ती नियमावली में संशोधन नहीं हो पाया है। राजस्व परिषद से लेकर शासन के बीच प्रस्ताव घूम रहा है। कैबिनेट से नियमावली संशोधन संबंधी प्रस्ताव पास होने के बाद ही भर्ती प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। राजस्व परिषद के अध्यक्ष मुकुल सिंघल कहते हैं कि लेखपाल भर्ती के मामले में शासन के निर्देशों का पालन होगा।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के मुताबिक वह चाहता है कि राजस्व परिषद से संशोधित प्रस्ताव मिल जाए जिससे भर्ती संबंधी विज्ञापन निकाल दिया जाए। विज्ञापन निकलने के बाद आचार संहिता का कोई असर नहीं पड़ेगा और भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
अधर में अनुदेशकों व चार हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 32022 अंशकालिक अनुदेशक और 4000 उर्दू सहायक अध्यापकों की भर्ती तकरीबन पांच साल से अधर में हैं। इसी तरह कानपुर में एचबीटीयू में पहली बार 2017 में नियुक्तियों के लिए विज्ञापन हुआ, लेकिन 2021 में निरस्त कर दिया गया। इसमें 14 प्रोफेसर, 22 एसोसिएट प्रोफेसर और 22 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद हैं।
आंगनबाड़ी: आर्थिक आरक्षण पर पेच फंसा
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती आसान नहीं दिख रही। लगभग 55 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती मार्च में शुरू हुई थी लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण अब तक भर्ती की रफ्तार सुस्त है। वहीं, आंगनबाड़ी संघ ने भर्ती के लिए कई जिलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। महिला कर्मचारी आंगनबाड़ी संघ ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।
आंगनबाड़ी संघ के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश पाण्डेय का आरोप है कि कई जिला कार्यक्रम अधिकारियों ने जानबूझकर आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की सेवा समाप्त कर दी है ताकि उन्हें दोबारा चयनित करने में मनमाने तरीके से कमाई की जा सके।
वर्ष 2017 से 2,94,080 पदों पर हुईं भर्तियांविभाग पद
चिकित्सा स्वास्थ्य
परिवार कल्याण ख, ग, घ 8556
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन 28622
प्राविधिक शिक्षा 365
अधीनस्थ चयन आयोग 16708
बेसिक शिक्षा विभाग 54706
पुलिस विभाग 137253
सहकारिता विभाग 726
लोक सेवा आयोग 26103
चिकित्सा शिक्षा विभाग 1112
माध्यमिक शिक्षा 14000
वित्त विभाग 614
उच्च शिक्षा विभाग 4615
नगर विकास 700
इनकी परीक्षाएं होनी हैं
● सहायक सांख्यिकी अधिकारी व सहायक शोध अधिकारी 904 पद
● वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक सामान्य चयन 655 पद
● सहायक बोरिंग टेक्नीशियन सामान्य चयन 486 पद
● सम्मिलित अवर अभियंता एवं उप वास्तुविद 489 पद
● सम्मिलित तकनीकी सेवा सामान्य चयन भर्ती 486 पद
● समूह ग के 25 हजार से अधिक पदों पर निकट भविष्य में भर्तियां होनी हैं।