उरई। सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले माध्यहन भोजन योजना (एमडीएम) योजना का नाम बदलकर अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने इस बाबत सभी डीएम, बीएसए और एमडीएम के समन्वयकों को पत्र जारी किया है। वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक की अवधि के लिए प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) के लिए विस्तार से दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
एमडीएम योजना के जिला समन्वयक अजातशत्रु राजपूत ने बताया कि अब तक प्रति बच्चे के हिसाब से जिसमें प्राइमरी स्तर पर 4.35 रुपये खर्च निर्धारित था। अब 4.97 रुपये और उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए 6.51 से बढ़ाकर खर्च 7.45 रुपये निर्धारित किया गया। इसमें गेहूं के आटा की रोटी, सोयाबीन की सब्जी, मौसमी फल, दाल, चावल,तहरी, दूध आदि दी जा रही हैं। जल्द ही प्रत्येक बुधवार, प्रत्येक बच्चे को खाने के साथ गर्म दूध भी दिया जाएगा। बीएसए प्रेमचंद्र यादव का कहना है कि पीएम पोषण का वितरण परिषदीय विद्यालयों में शुरू भी हो गया है। भोजन व्यवस्था में कुछ और बदलाव होने है, जिन पर भी काम चल रहा है।
बच्चों को एमडीएम देने वाले स्कूलों की संख्या
प्राथमिक स्तर के स्कूल-970 उच्च प्राथमिक स्तर के स्कूल 430
कंपोजित स्तर के स्कूल-236 कुल स्कूलों की संख्या 1636 प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 98507
उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 47602 कुल छात्रों की संख्या-146109