प्रदेश सरकार चुनाव से पहले पुरानी पेंशन योजना को छोड़ कर्मचारियों की अर्से से लंबित तमाम समस्याओं के समाधान की योजना पर काम कर रही हैं। अलग- अलग विभागों से संबंधित प्रकरणों पर विचार-विमर्श के लिए गठित समितियों ने भी रिपोर्ट देना शुरू कर दिया है। ये समितियां आगे भी सक्रिय रहेंगी। विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारी संगठन विभिन्न मुद्दों पर निर्णय का
दबाव बनाए हुए हैं। इसमें पुरानी पेंशन योजना की बहाली, कैशलेस इलाज की सुविधा के वादे पर अमल, समाप्त किए गए भत्तों की बहाली, एसीपी को लेकर जारी विसंगतिपूर्ण शासनादेश को समाप्त कर पुरानी व्यवस्था पर अमल आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण रोकने के लिए नवीनीकरण की व्यवस्था समाप्त करने तथा दैनिक वेतन, वर्कचार्ज व संविदा कर्मियों को जल्द से जल्द विनियमित करने जैसी मांगे शामिल हैं। इसके अलावा अलग-अलग विभागों से जुड़े संवर्गों की अलग- अलग समस्याएं हैं। मसलन प्राथमिक शिक्षकों की पदोन्नति व समायोजन पंचायतीराज में ग्रामीण सफाई कर्मियों की ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर पदोन्नति, सीडीपीओ संवर्ग में वेतन विसंगति से जुड़े प्रकरण भी लंबित हैं। लिपिक संवर्ग व राजस्व लेखपाल संवर्ग की अर्हता स्नातक करने और लेखपाल संवर्ग के रिक्त पदों पर भर्ती व चार वर्ष से लटकी पदोन्नति कराने की मांग भी बनी हुई है।
सूत्रों ने बताया कि पुरानी पेंशन का प्रकरण केंद्र सरकार के स्तर से जुड़ा होने की वजह से इस पर फिलहाल निर्णय की स्थिति नहीं बन रही है। हालांकि कर्मचारियों के आक्रोश के बारे में केंद्र सरकार को अवगत कराया जा सकता है। अलबत्ता नई पेंशन योजना के फायदे जरूर समझाने का प्रयास होगा। इसके अलावा अन्य सभी मांगों पर विभिन्न स्तर पर विचार किया जा रहा है। कार्मिक व वित्त विभाग के साथ प्रशासकीय विभाग विचार-विमर्श कर निर्णय कर रहे हैं। इस संबंध में जल्दी ही आदेश जारी होने शुरू होंगे।
कर्मचारी हितों को प्रभावित नहीं होने देगी सरकार मुख्य सचिव
मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि मैं स्वयं कई कर्मचारी संगठनों से बात कर चुका हूं। अपर मुख्य सचिव कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी कई दिनों से विभिन्न कर्मचारी संगठनों से लगातार संवाद कर समस्याएं सुन रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न विभागों से संबंधित समस्याओं को सुनकर समाधान के लिए सुझाव देने के लिए गठित समितियां भी काम कर रही हैं। तिवारी ने बताया कि कुछ समितियों ने संस्तुतियां दे दी हैं। इस पर तेजी से निर्णय लेने की कार्यवाही की जा रही है। कर्मचारियों के हितों को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।