नगर बाजार (बस्ती)। सरकारी विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के सरकार और विभाग के दावे को प्राथमिक विद्यालय मुस्तफाबाद आईना दिखाने के लिए काफी है। सात साल से एक शिक्षक के भरोसे चल रहे इस स्कूल में शुद्ध पेयजल और साफ-सफाई की व्यवस्था भी लचर है।
विकास खंड बहादुरपुर के प्राथमिक विद्यालय मुस्तफाबाद में हर तरफ अव्यवस्था देखने को मिल जाएगी। यह विद्यालय वर्ष 2014 से एक सहायक प्रधानाध्यापिका के भरोसे चल रहा है जबकि विद्यालय में 42 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। सहायक अध्यापिका के ही पास प्रधानाध्यापक का भी प्रभार है। उनके मीटिंग या छुट्टी पर चले जाने पर पठन-पाठन बाधित हो जाता है। सहायक प्रधानाध्यापिका कुसुम चौधरी ने बताया कि विद्यालय में वह अकेले ही तैनात हैं। कक्षा एक से लेकर कक्षा पांच तक के छात्र-छात्राओं को किसी तरह पढ़ा रहे हैं। जबकि शासन के नियमानुसार 30 छात्रों पर एक अध्यापक रखे जाने के निर्देश हैं। मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो विद्यालय में गेट नहीं लगा है। इसकी वजह से छुट्टा पशुओं की धमाचौकड़ी से परिसर अक्सर गंदा ही रहता है। विद्यालय परिसर में फूल-पौधों की लगी वाटिका भी पशुओं का निवाला बनकर खत्म हो गई है। काफी दिनों से रंग-रोगन भी नहीं हुआ है। विद्यालय में लगा इंडिया मार्क हैंडपंप कई महीनों से दूषित व पीला पानी दे रहा है। मजबूरन विद्यालय के बच्चे गांव में लगे दूसरे के घरों के नल से अपनी प्यास बुझाते हैं। शिकायत करने के बाद भी अभी तक इंडिया मार्क हैंडपंप नहीं बनवाया जा सका है। बेसिक शिक्षा अधिकारी जगदीश कुमार शुक्ल ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति सचिव स्तर से होती है, जब तक जिले के अंदर कोई समायोजन नहीं होता है। तब तक कोई व्यवस्था नहीं बन पाएगी। प्रयास है कि शिक्षकों की कमी जल्द दूर कर दी जाए।